दक्षिण भारतीय राज्य केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के निकट स्थित विज्हिंजम के समुद्री मछुआरों को लगभग 28 करोड़ रुपए की कीमत की व्हेल की उलटी मिली है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मछुआरों ने व्हेल की उलटी (Ambergris) को प्रशासन को सौंप दिया है। बता दें, कि व्हेल की उलटी का उत्पादन स्पर्म व्हेल के पाचन तंत्र में होता है। मानव सभ्यता के लिए यह हमेशा रहस्यमयी वस्तु रही है, और इसका उपयोग मंहगे परफ्यूम बनाने के लिए किया जाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हेल की उलटी की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1 करोड़ रुपए प्रति किलोग्राम है। यह एक ज्वलनशील ठोस पदार्थ होता है। इसका उपयोग सुगंधित सामग्री और परफ्यूम बनाने के लिए किया जाता है। बेहद दुर्लभ व्हेल की उलटी अक्सर समुद्र में तैरते हुए अथवा किनारे पर पाई जाती है। इसके अलावा इसे मरे हुए स्पर्म व्हेल के पेट से भी निकला जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, व्हेल के शरीर में इसे बनने की प्रक्रिया में दशकों लगते है।
उल्लेखनीय है, कि भारत में व्हेल की उलटी की खरीद-फरोख्त प्रतिबंधित है। केरल के मछुआरों को समुद्र में मिली व्हेल की उलटी (Ambergris) का वजन 28.4 किलो बताया जा रहा है। शुक्रवार (22 जुलाई, 2022) को समुद्र तट पर पाई गई व्हेल की उलटी को मछुआरों ने तटरक्षक पुलिस को सौंप दिया। कोस्टल पुलिस ने इसकी खबर तत्काल फॉरेस्ट विभाग को दी। जिसके बाद व्हेल की उलटी को ‘राजीव गाँधी सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी (RGCB)’ ले जाया गया।
Fishermen handover ambergris worth Rs 28 crore found from seahttps://t.co/XADLCBNn8O
— The Indian Express (@IndianExpress) July 23, 2022
जानकारी के अनुसार, ‘वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट’ के अंतर्गत स्पर्म व्हेल की खत्म हो रही प्रजातियों को वर्गीकृत किया गया है, और इसके शिकार पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। अटलांटिक महासागर में स्पर्म व्हेल की इस प्रकार की उल्टियां सबसे अधिक पाई जाती है। यह विभिन्न आकर और वजन में 15 ग्राम से लेकर 50 किलो तक हो सकती है। गौरतलब है, कि 18वीं-19वीं सदी में करीब पचास हजार व्हेल्स को इसकी उल्टियों के लिए मार डाला गया था।