छत्तीसग़ढ राज्य के कोरबा जिले से एक रोचक मामला सामने आया है। जहा मंदिर में देर रात चोरी करने गए दो चोरो में से एक चोर का हाथ दानपेटी के अंदर फंस गया और चोर का हाथ तब तक उस दानपेटी में फंसा रहा जब तक स्थानीय पुलिस द्वारा उन्हें गिरफ्तार नहीं कर लिया गया। स्थानीय लोग इसे भगवान का न्याय मान रहे है, और पूरे क्षेत्र में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है।
कोरबा जिले में स्थित शनि मंदिर में दो चोरो ने धावा बोल दिया और चोरी के लिए मंदिर में प्रवेश करने के लिए मंदिर के द्वार का ताला तोड़ दिया। इसके बाद उन दोनों शातिर चोरो ने मंदिर में रखी दानपेटी के ताले को तोड़ने का प्रयास किया,परन्तु बहुत अधिक प्रयास के बाद भी वह दानपेटी के ताले को तोड़ने में नाकाम रहे।
इसके बाद दोनों चोर दान पेटी के भीतर हाथ डालकर धन को चुराने का प्रयास करते है। जिस कारण एक चोर का हाथ मंदिर की दान पेटी में फंस जाता है। इसके बाद चोर का साथी मंदिर में रखे त्रिशूल एवं वहाँ रखी लकड़ियों से दान पेटी को तोड़ने का प्रयास करता है। परन्तु अथक प्रयासों के बाद भी वह चोर अपने साथी का हाथ दान पेटी से नहीं निकल पाता है। और इसी तरह भोर हो जाती है, और मंदिर के पुजारी प्रातः वंदन और मंदिर की साफ़ सफाई करने के लिए के लिए मंदिर में आते है।
मंदिर पहुंचने पर मंदिर के पुजारी को मंदिर के द्वार का ताला टूटा हुआ मिलता है, और वे मंदिर के भीतर की स्थिति जानने के लिए अंदर प्रवेश करते है। जहाँ दो चोर उन्हें मंदिर की दानपेटी के पास खड़े दिखाई देते है जिनमें से एक चोर का हाथ दानपेटी के अंदर फंसा हुआ है। इसके बाद पुजारी को पूरा मामला समझते देर ना लगी और उन्होंने तुरंत मंदिर की दरवाजे को बाहर से बंद कर टूटे हुए ताले के जगह नया ताला लगा दिया और तुरंत आस पास के लोगो को घटना की जानकारी दी। मामले की जानकारी मिलते ही स्थानीय पुलिस द्वारा उन दोनों चोरो को मौका ए वारदात से हिरासत में ले लिया।
बताया जा रहा है, कि मंदिर में स्थानीय पुलिस के पहुंचते ही चोर का हाथ चमत्कारी रूप से दानपेटी से निकल गया था। इस पूरे प्रकरण में लोगो को का मानना है, कि यह भगवान द्वारा त्वरित न्याय का श्रेष्ठ उदारहण है। जानकारी के के लिए आपको बता दे, कि कुछ दिनों पूर्व कर्नाटक राज्य के मंगलूर में स्थित शिव अवतार माने जाने वाले भगवान कोरागज्जा मंदिर में मुस्लिम युवको ने पेशाब से भरा एक कंडोम दानपात्र में डाला था। जिसके बाद सर्वप्रथम नवाज नामक के युवक कि तबियत बिगड़ी और उसे खून की उल्टिया प्रारम्भ को गयी और वह दीवार पर सर सर पटक पटक कर मर गया। इस घटना से डरकर उसके साथ के दोनों युवको ने भगवान कोरागज्जा के मंदिर में अपना गुनाह कबूल किया और पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था।