कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र की मोदी सरकार युद्ध स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान का सचांलन कर रही है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर कोरोना वैक्सीन स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा शारीरिक रूप से असमर्थ नागरिकों के घरो में जाकर लगाई जा रही है। इसी क्रम में झारखंड से एक दिलचस्प खबर सामने आई है। खबर में दावा किया जा रहा है, कि कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद एक ऐसे व्यक्ति ने चलना-फिरना शुरू कर दिया है, जो पिछले पांच वर्षो से बिस्तर पर लेटा हुआ था।
दुर्घटना के चलते रीढ़ की हड्डी में लगी थी चोट
ऑपइंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड बोकारो के सलगाडीह गाँव के रहने वाले दुलारचंद मुंडा 5 साल पहले दुर्घटना के शिकार हो गए थे। रीढ़ की हड्डी में चोट आने के चलते वह लगातार बिस्तर पर ही लेटे रहते थे। 55 वर्षीय दुलारचंद हादसे की वजह से ना ठीक से चल पा रहे थे और ना ही ठीक से बोल पा रहे थे। दुलारचंद को 4 जनवरी 2022 को वैक्सीन की डोज लगी थी। प्रशासन द्वारा इस मामले की सत्यता परखने के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है।
तीन सदस्यीय मेडिकल टीम करेगी जांच
रिपोर्ट के अनुसार, पेटरवार स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अलबेला के अनुसार, एक आँगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बीती 4 जनवरी को दुलारचंद के घर जाकर वैक्सीन की पहली डोज लगाई थी। बताया जा रहा है, कि इसके बाद दुलारचंद के परिजनों ने अगले दिन उनके शरीर में हरकत की खबर दी। इसके बाद सामान्य बोल – चाल में अक्षम दुलारचंद ने बोलना भी शुरू कर दिया। बोकारो जिला अस्पताल के चिकित्सक जितेंद्र कुमार ने कहा, कि यह अचंभित करने वाले परिणाम हैं। मामले की जाँच के लिए तीन सदस्यीय मेडिकल टीम का गठन किया गया है।
बिहार में बुजुर्ग लगवा चुके है, 11 बार कोरोना की वैक्सीन
जानकारी के लिए बता दें, इससे पहले बिहार के मधेपुरा इलाके से 84 वर्षीय बुजुर्ग द्वारा 11 बार कोरोना वैक्सीन लगवाने का मामला सामने आया था। इस बुजुर्ग ने दावा किया था, कि कोरोना वैक्सीन से उनके शरीर के कई तरह के दर्द से निजात मिली है। बुजुर्ग पर आरोप था, कि उन्होंने बार-बार मोबाइल नंबर बदल 11 बार वैक्सीनेशन करवाया है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्ग पर मुकदमा दर्ज करवाया है। हालाँकि बुजुर्ग ने एक वीडियो जारी कर चेतावनी दी है, कि अगर उन पर कोई कानूनी कार्रवाई की गई, तो वे खुदखुशी कर लेंगे।