अप्रत्याशित परिस्थितियों में दृढ़ संकल्प की मिसाल बनकर उभरी ऊषा रानी ने अपने पति के निधन के बाद अपनी शिक्षा को पूरा किया और इसके साथ ही भारतीय सेना में शामिल होने के अपने सपने को भी पूरा किया। दरअसल, बीते शनिवार को चेन्नई में आयोजित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी के पासिंग आउट समारोह के दौरान उषा रानी को भारतीय सेना की विभिन्न शाखाओं और सेवाओं में कमीशन दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जुड़वां बेटों की मां उषा रानी भारतीय सेना की 39 महिलाओं और 258 ऑफिसर कैडेट्स में शामिल थी। जिनका साहस और लचीलापन नुकसान से उबरने और सेवा के जरिए अपने पति की यादों का सम्मान करने का एक ठोस प्रमाण बन गया है। उषा रानी की कहानी दृढ़ता की शक्ति और उन लोगों के समर्थन का प्रमाण है, जो उनकी क्षमता में विश्वास करते हैं।
Chennai | Cadet Usha Rani with her twins after the 'Passing out Parade' at Officers Training Academy (OTA), in Chennai, Saturday, Sept. 7, 2024. Rani's husband Captain Jagtar lost his life two years back, leaving his wife and twin sons. #Chennai #UshaRani #Twins… pic.twitter.com/FpwoWoxwTC
— Daily Excelsior (@DailyExcelsior1) September 7, 2024
बता दें, कि उषा रानी का विवाह सेना के एजुकेशनल कॉर्प्स के कैप्टन जगतार सिंह से हुआ था। तीन साल तक वैवाहिक जीवन में खुशियां और सुख-शांति थी। इस दौरान दंपति को जुड़वां शिशुओं का आशीर्वाद मिला और उनका जीवन सुखमय बीत रहा था, लेकिन 25 दिसंबर 2020 का दिन उषा की जिंदगी में ऐसा जख्म लेकर आया, जिससे उनकी पूरी दुनिया उजड़ गई।
एक ट्रेन दुर्घटना में उनके पति का निधन हो गया। इस दुःख की घड़ी में भी उषा ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी इच्छाशक्ति और जज्बे के दमपर खुद को इस सच्चाई के साथ जीने के लिए तैयार किया। इन विपरीत परिस्थितियों में उषा ने बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) की डिग्री पूरी की और आर्मी पब्लिक स्कूल में शिक्षिका बनकर बच्चों को पढ़ाना प्रारंभ कर दिया।
कड़ी मेहनत और लगन के बलबूते पर उनका चेन्नई की अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी में चयन हुआ। जिसके बाद उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस दौरान वह अपने बच्चों से दूर रही। ऊषा रानी की ट्रेनिंग अवधि के दौरान उनके माता-पिता ने बच्चों की देखभाल की।
गौरतलब है, कि ऊषा रानी ने पति के निधन के बाद हार न मानते हुए प्रत्येक बाधा को परास्त करते हुए हर चुनौती का डटकर मुकाबला किया। फिर चाहे वो सेना की सख्त ट्रेनिंग हो या बच्चों से दूर रहने का त्याग। हर हालात से लड़कर अपने मुकाम को हासिल करने वाली उषा रानी लाखों महिलाओं को प्रेरित करती है, और प्रतिकूल परिस्थितियों पर दृढ़ संकल्प की जीत को उजागर करती है।