वैश्विक स्तर पर आर्थिक मंदी (Recession) की संभावना के बीच कंपनियाँ छंटनी कर रही है। पिछले लगभग डेढ़ वर्षो से विदेशी कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की लगातार छंटनी कर रही हैं। सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (मेटा), ट्विटर, गूगल जैसी बड़ी कंपनियां भी अपने हजारों कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है। हालाँकि, इसके उलट भारत में घरेलू कंपनियों में इस कथित मंदी का खौफ कम ही दिखाई दे रहा है।
World of Statistics नाम के ट्विटर हैंडल ने विभिन्न एजेंसियों के आँकड़ों पर आधारित वैश्विक मंदी की संभावना को लेकर एक सूची जारी की है।
Recession probability forecast, 2023:
🇮🇳 India: 0%
🇮🇩 Indonesia: 2%
🇸🇦 Saudi Arabia: 5%
🇨🇳 China: 12.5%
🇧🇷 Brazil: 15%
🇨🇭 Switzerland: 20%
🇪🇸 Spain: 25%
🇲🇽 Mexico: 27.5%
🇰🇷 South Korea: 30%
🇯🇵 Japan: 35%
🇷🇺 Russia: 37.5%
🇦🇺 Australia: 40%
🇿🇦 South Africa: 45%
🇫🇷 France: 50%
🇨🇦…— World of Statistics (@stats_feed) May 2, 2023
इस सूची में वर्ष 2023 में भारत में मंदी की संभावना 0 फीसदी है। वहीं, सबसे अधिक मंदी की आशंका वाला देश ब्रिटेन बताया जा रहा है। ब्रिटेन में मंदी की सबसे अधिक 75 प्रतिशत संभावना है। वहीं, न्यूजीलैंड में 70 प्रतिशत और अमेरिका में 65 फीसदी है, जबकि जर्मनी, इटली और कनाडा में इस साल मंदी की 60 प्रतिशत आशंका है।
वहीं जिन देशों में इस वर्ष मंदी की सबसे कम आशंका है, उस सूची में भारत शीर्ष स्थान पर है। भारत के बाद इंडोनेशिया में 2%, सऊदी अरब में 5%, चीन में 12.5%, ब्राजील में 15% और स्विट्जरलैंड में 20% इस साल मंदी की आशंका बनी हुई है।
उल्लेखनीय है, कि मंदी को लेकर गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने मार्च 2023 में अपने एक बयान में कहा था, कि सिलिकॉन वैली बैंकों के दिवालिया होने और व्यापक बैंकिंग क्षेत्र पर इसके प्रभाव के बाद अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी की उच्च संभावना दिखाई देती है। गोल्डमैन के विशेषज्ञों ने अगले 12 महीनों में अमेरिका में मंदी की आशंका 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 35% कर दी थी।
गोल्डमैन सैक्स का यह पूर्वानुमान टेक-केंद्रित सिलिकॉन वैली बैंक और क्रिप्टो-केंद्रित सिग्नेचर बैंक के तबाह होने के बाद आया था। इन संभावनाओं के बीच अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया भर के शेयर बाजारों, विशेषतौर पर बैंकिंग शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। यूरोप में इसको लेकर आशंका जाहिर की जाने लगी है। हालाँकि, भारत में मंदी की आशंका शून्य (0) है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपने ताजा आँकड़े में जानकारी दी थी, कि दुनिया में पिछले कुछ वर्षो की तुलना में सबसे अधिक उत्पादन वर्ष 2023 में भारत में होने वाला है। इस लिहाज से भारत की विकास दर सबसे अधिक रहने की संभावना प्रबल है। IMF ने अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद विकास दर 5.9 फीसदी रहने की आशंका जताई है।
वहीं ग्रोथ रेट के हिसाब से भारत और चीन समेत इंडोनेशिया की ग्रोथ रेट 5 फीसदी, सऊदी अरब की 3.1 फीसदी और मेक्सिको की 1.8 फीसदी रहने वाली है। आंकड़ों के हिसाब से इन देशो में इस वर्ष मंदी की आशंका सबसे कम है। हालाँकि, मेक्सिको इस सूची में अपवाद माना जा रहा है, क्योंकि मेक्सिको में मंदी की आशंका दर 27.5 फीसदी है और यह मंदी की आशंका वाले देशों की सूची में आठवें स्थान पर है।
वहीं मंदी की सबसे अधिक आशंका वाली सूची में शीर्ष पायदान पर बैठे ब्रिटेन की आर्थिक वृद्धि दर निगेटिव (-0.3) फीसदी और जर्मनी की -0.1 प्रतिशत रहने वाली है। जबकि साउथ अफ्रीका साल 2023 में 0.1 प्रतिशत, फ्रांस और इटली में विकास दर 0.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया जा रहा है।