मुंबई फिल्म जगत में खेलो को प्रोत्साहित करने वाले सिनेमा का सदैव आकाल रहा है। कुछ चुनिंदा फिल्मे है, जो खेलो को केंद्र में रखकर बनाई गयी है, लेकिन उन फिल्मो में भी खेल की बाते कम और अन्य मुद्दों जैसे प्रेम में असफलता , भ्रष्टाचार इत्यादि को अधिक प्राथमिकता दी जाती है। मुंबई सिनेमा में जब भी बॉक्सिंग पर आधारित फिल्मों का जिक्र होता है, तो प्रियंका चोपड़ा की ‘मैरी कॉम’,आर माधवन की बनाई ‘साला खड़ूस’ और मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म ‘बॉक्सर’ जैसी बेहतरीन फिल्मो का नाम सामने आता है।
बीते गुरुवार OTT प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर राकेश ओम प्रकाश मेहरा द्वारा निर्देशित ‘तूफान’ (Toofan) फिल्म को रिलीज किया गया। बॉक्सिंग के खेल पर आधारित इस फिल्म में मुख्य भूमिका फरहान अख्तर निभा रहे है। फिल्म ‘तूफान’ बॉलीवुड में बनने वाली पुरानी स्पोर्ट्स फिल्मो की तरह ही घिसे – पिटे फार्मूले पर बनी एक औसत दर्जे की फिल्म है। जिसमें मसाला डालने के लिए लव जिहाद वाला एंगल जबरन थोपा हुआ सा लगता है।
दरअसल तूफान फिल्म में चिप्स के पैकेट की तरह ही चिप्स कम और हवा ज्यादा भरी है। फिल्म की कहानी के अनुसार मुंबई में रहने वाला अजीज अली उर्फ अज्जू (फरहान अख्तर) टपोरी और लफंगा है, वह जबरन वसूली करता है, आम लोगो को डरता है और उसके इलाके में हर कोई उसे सलाम ठोकता है।
एक दिन अजीज अली उर्फ अज्जू को महसूस होता है, कि समाज में उसकी कोई इज्जत नहीं है। तो वह इज्जत कमाने के लिए एक नई रह पर चल पड़ता है। इज्जत और नाम कमाने के लिए अजीज अली उर्फ अज्जू मार-धाड़ का रास्ता अख्तियार करता है और बॉक्सिंग के खेल में उतर जाता है। गौरतलब है, कि यहाँ पर अजीज अली उर्फ अज्जू का मकसद बॉक्सिंग से देश के लिए मैडल जीतने का नहीं है, बल्कि उसे महज खुद को साबित करना है।
तकरीबन दो घंटे चालीस मिनट लम्बी तूफान फिल्म अपने तीन मिनट के ट्रेलर का ही विस्तार है। जिसमें फिल्म का नायक अजीज अली उर्फ अज्जू बॉक्सिंग वाली बात अगले दिन भूल ना जाये इसके लिए वह फिल्म में एक लड़की अनन्या ( मृणाल ठाकुर) को पटा लेता है। यहाँ पर गौर करने वाली बात है फिल्म की नायिका ( मृणाल ठाकुर) भले ही समाज में सबसे प्रतिष्ठित डॉक्टर की जॉब करती है। लेकिन फिल्म में उसका काम महज नायक के कंधे पर सिर रख कर रोना ही है।
कुल मिलकार तूफान फिल्म एक मुस्लिम बॉक्सर और एक हिंदू डॉक्टर लड़की की लव स्टोरी है, जिसमें थोड़ा सा बॉक्सिंग भी है। फिल्म में नायिका के पिता (परेश रावल) को मुस्लिम लड़के का अपनी बेटी से प्रेम सम्बन्ध किसी भी परिस्थिति में स्वीकार्य नहीं है। फिल्म में अजीज अली उर्फ अज्जू का बॉक्सिंग कोच उसकी प्रेमिका का पिता है। पूरी फिल्म इसी ढर्रे पर चलती है, कि फिल्म का नायक अजीज अली उर्फ अज्जू को इज्जत के साथ नायिका के पिता का दिल भी जीतना है।
तूफान फिल्म के निर्देशक राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने लीक से हट कर फिल्म बनाने के चक्कर में बेहद लम्बी,सुस्त और औसत दर्जे का सिनेमा बनाया है। फिल्म कि कहानी ना ही चौंकाती है, और ना ही इसमें कुछ नयापन है। परेश रावल एक अच्छे अभिनेता है लेकिन फिल्म उनके लिए कुछ नया करने के लिए नहीं था।
इसके अलावा फिल्म की नायिका की भूमिका निभाने वाली मृणाल ठाकुर को फिल्म में ज्यादा महत्त्व नहीं दिया गया है। अन्य कलाकारों में हुसैन दलाल का अभिनय प्रभावित करता है जबकि सुप्रिया पाठक, विजय राज और दर्शन कुमार जैसे काबिल कलाकारों का सही प्रकार से उपयोग नहीं किया गया। फिल्म का संगीत असरहीन है। कुल मिलाकर फिल्म तूफान अपने नाम के विपरीत महज एक मामूली हवा का झोंका साबित होती है।