पर्यटन को जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तम्भों में गिना जाता है। कश्मीर की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका के लिए प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से पर्यटन और इससे संबंधित गतिविधियों पर निर्भर करती है। मोदी सरकार द्वारा धारा 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है। वहीं एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वतंत्र भारत के 75 सालों के इतिहास में पहली बार वर्ष (2022) में जम्मू-कश्मीर में 1.62 करोड़ पर्यटक घूमने आए है।
Jammu & Kashmir records 1.62 crore tourists in 2022, highest in 75 years.
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उल्लेखनीय है, कि मोदी सरकार के भगीरथ प्रयासों के चलते जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र मजबूत हुआ है, और यह राज्य शांति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। केंद्र शासित प्रदेश में बढ़े हुए पर्यटन ने रोजगार के अवसर पैदा किये है। इस प्रकार एक रचनात्मक दृष्टिकोण, परिवर्तनकारी पहल और स्थानीय संस्कृति और समाज के लिए जम्मू-कश्मीर को सशक्त बनाने से यहाँ चौतरफा विकास हो रहा है।
केंद्र शासित प्रदेश में पर्यटन उद्योग को 786 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है, जिसमें पिछले कुछ महीनों में यह क्षेत्र अब तेजी से विकास कर रहा है। ‘टाइम्स ट्रेवल’ की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकार 70 वर्षों में पहली बार करनाह, सोनमर्ग और गुरेज पर साहसिक खेल और अन्य गतिविधियों को शुरू करने की योजना पर काम कर रही है। इससे ना केवल पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो, बल्कि उनके पर्यटन अनुभव को भी बढ़ाया जा सके।
रिपोर्ट के अनुसार, मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में दूधपथरी सूची में नवीनतम होगा और दोनों गंतव्यों तक सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है। बता दें, पिछले तीन वर्षों के दौरान, केंद्र सरकार ने गुलमर्ग के प्रसिद्ध स्कीइंग गंतव्य से परे अन्य जगहों पर कश्मीर में शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने का पूरा प्रयास किया है। सरकार ने शरद ऋतु के दौरान सड़कों के बाधित होने की वजह से दुर्गम माने जाने वाले बर्फीले इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दुर्गम क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए जम्मू-कश्मीर के बर्फीले इलाकों में हेलीकॉप्टर सेवाएँ शुरू की जाएँगी। आमतौर पर पर्यटक ग्रीष्म ऋतु के दौरान कश्मीर की वादियों में जाना पसंद करते है, लेकिन हैली सेवा के बाद पर्यटक अब पूरे साल कश्मीर के शानदार नजारों का लुफ्त उठा सकेंगे।
रिपोर्ट के अनुसार, पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर पर्यटन विभाग नवंबर महीने में केसर और हाउसबोट महोत्सव आयोजित करेगा। पर्यटकों को केसर के खेतों और हाउसबोट के इतिहास के साथ-साथ स्थानीय निवासियों के रहन-सहन से परिचित कराया जायेगा। इस योजना का उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय और पर्यटन पर निर्भर लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करना है।