दुनिया की चौथी सबसे बड़ी और 150 साल से भी ज्यादा पुरानी भारतीय रेलवे लगातार अपनी सेवाओं और तकनीक का विस्तार करती आ रही है। शुक्रवार (4 मार्च 2022) का दिन भी रेलवे के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा है। शुक्रवार को एक टेस्टिंग के दौरान रेलवे की दो ट्रेनों को तेज रफ्तार में आपस में टकराने का प्रयास किया गया, लेकिन रेलवे की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (Automatic Train Protection) प्रणाली ‘कवच’ ने दोनों ट्रेनों को आपस में टकराने से पहले ही रोक दिया।
एक ट्रेन में स्वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, तो दूसरी में रेलवे बोर्ड के चेयरमेन
उल्लेखनीय है, कि इस दौरान एक ट्रेन में स्वयं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, तो दूसरी में रेलवे बोर्ड के चेयरमेन मौजूद थे। चलती ट्रेनों की सुरक्षा को अधिक मजबूत करने के लिए भारतीय रेलवे ने ‘कवच’ का शुक्रवार को परीक्षण किया। इस टेस्टिंग के दौरान सिकंदराबाद के नजदीक दो ट्रेनों को तेज स्पीड से एक-दूसरे के साथ टक्कर करवाने के उद्देश्य से पटरी पर दौड़ाया गया। हालाँकि, स्वदेशी ‘कवच’ तकनीक के कारण, ट्रेनों के बीच कोई टक्कर नहीं हुई, और करीब 380 मीटर पहले ही ‘कवच’ ने ट्रेन को रोक दिया।
Rear-end collision testing is successful.
Kavach automatically stopped the Loco before 380m of other Loco at the front.#BharatKaKavach pic.twitter.com/GNL7DJZL9F— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
‘कवच’ एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क
भारतीय रेलवे के अनुसार, ‘कवच’ एक एंटी कोलिजन डिवाइस नेटवर्क है, जो कि रेडियो कम्युनिकेशन, माइक्रोप्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम तकनीक पर कार्य करता है। इस तकनीक के जरिये टकराव के जोखिम को कम करने में ऑटोमेटिक ब्रेकिंग से ट्रेनें टकराने से बच सकेंगी। उल्लेखनीय है, कि मोदी सरकार ने इस स्वदेशी कवच तकनीक के तहत 2 हजार किलोमीटर के रेलवे नेटवर्क को तैयार करने की योजना बनाई है। इससे यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के साथ ही ट्रेन की गति में भी सुधार आएगा और दुर्घटनाओं को कंट्रोल किया जा सकेगा।
कई वर्षो के शोध के बाद डेवलेप हुई, स्वदेशी तकनीक
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रेल मंत्रालय ने कई वर्षो के शोध के बाद ये स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा तकनीक डेवलेप की है। भारतीय रेलवे द्वारा विकसित इस ‘कवच’ तकनीक को विश्व की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कहा जा रहा है। यह प्रणाली ‘जीरो एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में भारतीय रेलवे की सहायता करेगी। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, रेड सिग्नल के पार होते ही ट्रेन में खुद बा खुद ब्रेक लग जायेंगे। इसके अतिरिक्त पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेन बंद होने के साथ ही इसके पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच सुरक्षित कर लेगा।