उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून को इस साल के अंत तक लागू किया जा सकता है। उत्तराखंड विधानसभा से पास होने और राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिलने के बाद अभी इसे अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक पैनल काम कर रहा है। यह इसके नियमों को अंतिम रूप दे रहा है।
गौरतलब है, कि राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू होने के बाद कई ऑनलाइन सुविधाएँ भी शुरू की जाएँगी। राज्य में यूसीसी लागू किये जाने के बाद लिव इन रिलेशशिप के नियमों को भी सख्ती से लागू किया जाएगा। यह जानकारी भी सामने आई है, कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को इसका ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े यदि एक महीने के भीतर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं, तो उन्हें दस हजार रुपये का जुर्माना या तीन महीने की जेल हो सकती है। इसके साथ ही अगर वह तीन महीने तक ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें पच्चीस हजार का जुर्माना या 6 महीने की जेल हो सकती है।
इसके साथ ही ऐसे 18-21 के बीच की आयु के युवा जोड़ों के माता-पिता को भी उनके लिव इन में रहने की जानकारी भेजी जाएगी। सरकार का कहना है, कि इससे उनके माता-पिता को इस विषय में सही जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
यूनिफॉर्म सिविल कोड लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों की वैधता को भी वैध बनाता है और परित्यक्त महिला भागीदारों को भरण-पोषण का अधिकार देता है। धारा 379 बच्चों की वैधता स्थापित करती है, जबकि लिव-इन पार्टनर द्वारा छोड़ी गई महिलाएं उस स्थान के क्षेत्राधिकार में सक्षम अदालत के माध्यम से भरण-पोषण की मांग कर सकती हैं जहां वे आखिरी बार साथ रहती थी।
यूसीसी प्रक्रिया और नियम समिति के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह ने बताया, “हम लोगों के लिए ऑनलाइन मोड के माध्यम से औपचारिकताओं को पूरा करना आसान बनाना चाहते है। हालाँकि, यह प्रक्रिया कठिन है, क्योंकि सरकारी कर्मचारियों को इस मामले में प्रशिक्षण की जरूरत है। हम समय से पहले नियम बनाने और एक साथ प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।”
उल्लेखनीय है, कि उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने फरवरी, 2024 में समान नागरिक संहिता (UCC) कानून को विधानसभा में लाई थी। विधानसभा से यूसीसी कानून बहुमत से पास हो गया था। इस कानून में विवाह, तलाक, विरासत और लिव इन रिलेशनशिप जैसे मुद्दों को लेकर सभी धर्मावलम्बियों के लिए लिए एक समान कानून बनाए गए है। बता दें, कि उत्तराखंड UCC लागू करने वाला स्वतंत्र भारत का पहला राज्य बनेगा।