उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तर की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एक नया खुलासा हुआ है, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, परीक्षा में पूछे हुए 63 सवालों के उत्तर एक्जाम से छह घंटे पहले ही टॉयलेट पेपर पर वायरल हो गए थे। एक ऐसा ही स्क्रीन शॉट आयोग के व्हाट्सएप पर भी पहुंचा था, जिसकी जांच करने पर आयोग के अधिकारियों केे होश-फाख्ता हो गए। इसके बाद आयोग ने तत्काल पुलिस को इस स्क्रीनशॉट की जानकारी दी, फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2021 चार और पांच दिसंबर को आयोग द्वारा की स्नातक स्तरीय परीक्षा आयोजित की गई थी। चार दिसंबर को सुबह दस बजे से पहली पाली की परीक्षा होनी थी। रिपोर्ट के अनुसार, इसी दिन का तड़के सुबह 3 बजकर 58 मिनट का टॉयलेट पेपर पर लिखे सवालों के जवाब का स्क्रीनशॉट परीक्षा के कुछ दिनों बाद आयोग के पास पहुंचा। आयोग के अध्यक्ष एस राजू ने इसका संज्ञान लेते हुए स्क्रीन शॉट पर लिखे गए 63 सवालों के जवाब का मिलान किया, तो सभी जवाब बिल्कुल सही थे।
रिपोर्ट के अनुसार, आयोग के निवर्तमान अध्यक्ष एस राजू का कहना है, कि टॉयलेट पेपर के तीन स्क्रीनशॉट उन्होंने पुलिस को उपलब्ध कराए है। निवर्तमान अध्यक्ष ने यह भी कहा, कि यदि यह स्क्रीनशॉट सही में सुबह तीन बजकर 58 मिनट का है, तो पेपर के बड़े स्तर पर लीक होने की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में आयोग के पास व्हाट्सएप के स्क्रीनशॉट पहुंचे थे। सवालों का मिलान करते ही उनके होश उड़ गए थे।https://t.co/gqxsCoYK3F#uttarakhandnews #dehardunnews #uksssc #Paperleak #Viral
— Amar Ujala Dehradun (@AU_DehradunNews) August 7, 2022
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भर्ती परीक्षा मामले में उत्तरकाशी जिला पंचायत के एक जनप्रतिनिधि की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर विवादों में आये इस जनप्रतिनिधि की निकटता प्रशासन स्तर तक जुड़ी हुई है। हालाँकि आधिकारिक रूप से इस जनप्रतिनिधि के नाम की पुष्टि नहीं की गई है। वहीं भर्ती परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण की जांच को लेकर सोशल मीडिया में सीबीआई जांच की मांग उठ रही है। लोगों का मानना है, कि सीबीआई जाँच से पारदर्शिता के साथ इस घोटाले की जाँच संभव हो सकेगी।