देश के गृह मंत्रालय ने केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के एक ट्वीट के बाद ये स्पष्ट किया है, कि “गृह मंत्रालय ने रोहिंग्या मुस्लिमों को EWS फ्लैट्स में बसाने का कोई आदेश जारी नहीं किया है। बता दें, कुछ दिनों पहले दिल्ली के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक में रोहिंग्या मुस्लिमों को नए स्थान पर शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया था।
दिल्ली सरकार ने बताया था, कि जिन टेंट्स में रोहिंग्या रह रहे थे, उनके लिए प्रत्येक माह लगभग 7 लाख रुपए खर्च हो रहे थे, टेंट्स में आग लगने के बाद उन्हें मदनपुर खादर शिफ्ट किया गया। अब इन्हें NDMC के बक्करवाला स्थित EWS फ्लैट्स में शिफ्ट किया जाएगा।
उल्लेखनीय है, कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने एक ट्वीट में लिखा था, कि दिल्ली में रोहिंग्या शरणार्थियों को जल्द 250 सरकारी घरों में शिफ्ट किया जाएगा। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने लिखा था, कि रोहिंग्या शरणार्थियों को मूलभूत सुविधाएं, पहचान पत्र और दिल्ली पुलिस की 24 घंटे सुरक्षा भी मिलेगी। इस ट्वीट के बाद इस मामले से जुड़े सवालो को लेकर काफी असमंजस की स्थिति थी, हालाँकि अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले में अपना स्पष्ट कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा, कि अवैध घुसपैठियों को या तो डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है या फिर उन्हें वापस उनके मुल्क भेज दिया जाता है। गृह मंत्रालय ने कहा, कि दिल्ली सरकार ने उक्त स्थान को अभी तक डिटेंशन सेंटर नहीं घोषित किया है, लेकिन उन्हें तत्काल ऐसा करने के निर्देश दिए गए है।
Illegal foreigners are to be kept in Detention Centre till their deportation as per law. The Government of Delhi has not declared the present location as a Detention Centre. They have been directed to do the same immediately.
— गृहमंत्री कार्यालय, HMO India (@HMOIndia) August 17, 2022
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के एक ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोग पूछने लगे थे, कि एक तरफ पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थी इन सुविधाओं से दूर नारकीय जीवन जीने पर मजबूर है, और दूसरी तरफ अवैध घुसपैठिये रोहिंग्यों पर इतनी मेहरबानी क्यों?‘ विश्व हिन्दू परिषद (VHP)’के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने कहा है, कि संगठन केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान से अचंभित है, जिसमें उन्होंने रोहिंग्या को ‘प्रवासी’ कह कर संबोधित किया है, और दिल्ली के बक्करवाला में उन्हें फ्लैट्स देने की घोषणा की है।
Press Statement:
Instead of Housing Rohingyas, push them out of Bharat: Alok Kumar pic.twitter.com/pv6Yl3Cele— Vishva Hindu Parishad -VHP (@VHPDigital) August 17, 2022
विश्व हिन्दू परिषद ने कहा, कि रोहिंग्या के लिए जिस प्रकार की सुविधाओं का ऐलान किया है, उससे पीड़ित हिन्दू शरणार्थियों को और अधिक दुःख पहुँचेगा। विहिप ने मोदी सरकार से अनुरोध किया है, कि अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर रोहिंग्या को बसाने के स्थान पर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया यथाशीघ्र आरंभ करें। बता दें, भारत ने 1951 के UN के उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किये थे, जिसे शरणार्थियों के संबंध में लाया गया था। इस वजह से भारत शरणार्थियों को सुविधाएँ देने के लिए बाध्य नहीं है।