जोशीमठ में भवनों, दुकानों और सड़को पर दरारों के बढ़ते सिलसिले के बीच सरकारी मशीनरी ने संकटग्रस्त परिवारों को डेंजर जोन घोषित किये गए चार वार्डो से निकलने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। वहीं जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण पूर्ण रूप से प्रतिबंधित हो चुके दो होटलों माउंट व्यू और मलारी इन को सुरक्षित तरीके से ध्वस्त करने की कार्रवाई मंगलवार (10 जनवरी 2023) को शुरू कर दी जाएगी।
गौरतलब है, कि पौराणिक जोशीमठ शहर में हर गुजरते दिन के साथ जमीन धँसती जा रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जोशीमठ में कुछ ही देर में होटलों को ढहाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए अभी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की टीम का इंतजार किया जा रहा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ संकट पर तत्काल सुनवाई से मना कर दिया है।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा दायर याचिका में जोशीमठ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और प्रभावितों को आर्थिक सहायता देने की अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर तत्काल सुनवाई से इंकार करते हुए कहा, कि प्रत्येक चीज को अदालत में लाने की जरुरत नहीं है। इसे देखने के लिए लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थाएँ है।
Supreme Court declines urgent hearing of Joshimath sinking incidents on #Joshimath and posts the matter for hearing on January 16.
Supreme Court says everything which is important need not come to the apex court. There are democratically elected institutions working on it. pic.twitter.com/a2E1F2OK3d
— ANI (@ANI) January 10, 2023
भवनों और होटलों को ध्वस्त किये जाने की कार्रवाई के बीच मंगलवार को केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट जोशीमठ पहुंचे। इस दौरान राज्य मंत्री ने सेना और आईटीबीपी मुख्यालय जाकर स्थिति का जायजा लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट आर्मी कैंप का निरीक्षण करने के बाद सुनील वार्ड में प्रभावित नागरिकों से मिले। उन्होंने प्रभावितो को आश्वासन दिया, कि केंद्र और राज्य सरकार इस प्राकृतिक आपदा से लोगों को निकालने में हर संभव सहायता करेगी।