केंद्र सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित भर्तियों में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यूपीएससी ने आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब अभ्यर्थियों के पंजीकरण और परीक्षा के विभिन्न चरणों में स्वैच्छिक आधार पर अभ्यर्थियों की पहचान सत्यापित करने के लिए आधार-आधारित प्रमाणीकरण की अनुमति दे दी है।
केंद्र सरकार ने यह कदम प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर का मामला सामने आने के बाद उठाया है। दरअसल, प्रोबेशनरी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने फर्जी तरीके से अपनी एलिजिबिलिटी से ज्यादा बार सिविल सेवा परीक्षा दी थी। इसके बाद यूपीएससी की भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे, जिसके बाद अब कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अधिसूचना जारी की।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यूपीएससी अब ‘वन टाइम रजिस्ट्रेशन’ पोर्टल पर पंजीकरण के समय और परीक्षा के विभिन्न चरणों में अभ्यर्थियों की पहचान का सत्यापन आधार के माध्यम से करेगा। अभ्यर्थियों के पास आधार सत्यापन के लिए हाँ या ना का विकल्प होगा।
The government has allowed the UPSC to perform #Aadhaar-based authentication to verify candidates' identity on a voluntary basis. It has been allowed at the time of registration and during various stages of examinations and recruitment. pic.twitter.com/tMcotkmXyX
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 29, 2024
जानकारी के लिए बता दें, कि जिन पूजा खेडकर की वजह से यूपीएससी भर्ती परीक्षा व्यवस्था में यह परिवर्तन किया गया है, उनकी प्रोविजनल उम्मीदवारी पिछले महीने रद्द कर दी गई थी। खेडकर पर विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी- नॉन-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। साथ ही प्रशिक्षु होते हुए वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों को परेशान करने के आरोप लगे थे।
नियुक्ति को रद्द किये जाने के बाद पूजा खेडकर ने अपनी गलतियाँ स्वीकार करने की बजाय अपने निलंबन के फैसले को अदालत में चुनौती दी है। उन्होंने कहा, यूपीएससी के पास उनके खिलाफ कार्रवाई करने की पर्याप्त शक्ति नहीं है। यूपीएससी की चार्जशीट पर पूजा खेडकर ने सवाल खड़े करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में कहा, कि एक बार नियुक्ति होने के बाद यूपीएससी उम्मीदवारी को अयोग्य घोषित करने की शक्ति खो देता है।
Fmr IAS Trainee Pooja Khedkar responds to the UPSC allegations against her in Delhi High Court!
Pooja says #UPSC has no power to disqualify her candidature since she is already selected & appointed as probationer, says only DoPT allowed to take such action
She claims none of… pic.twitter.com/ZmgYGlUuPm
— Bavachan Varghese (@mumbaislifeline) August 28, 2024
पूजा खेडकर ने अपनी याचिका में कहा, कि इस मामले में डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग अकेले ही एक्शन ले सकता है। उन्होंने कहा, कि डीओपीटी सीएसई 2022 नियमों के नियम 19 के अनुसार, अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1954 और प्रोबेशनर नियमों के तहत कार्रवाई कर सकता है।