अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बेहद तीखे शब्दों में पाकिस्तान को आइना दिखाते हुए पाकिस्तानी मुल्क को दुनिया के खतरनाक देशों की श्रेणी में सबसे ऊपर रखा है। अमेरिका के इस सख्त रवैये पर पाकिस्तान बुरी तरह तिलमिला गया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर कहा है, पाकिस्तानी सरकार इस बयान पर आधिकारिक तौर पर आपत्ति दर्ज करेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने एक बयान में कहा था, कि पाकिस्तान विश्व के सबसे खतरनाक मुल्कों में से एक हो सकता है, क्योंकि पकिस्तान के पास “बिना किसी सामंजस्य के परमाणु हथियार” है। व्हाइट हाउस ने बाइडेन के हवाले से कहा, कि हमें लगता है, कि पाकिस्तान शायद दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है। उल्लेखनीय है, कि जो बाइडेन की पाकिस्तान पर यह तल्ख टिप्पणी उस वक्त सामने आई है, जब बाइडेन चीन और व्लादिमीर पुतिन की रूस के संबंध में अमेरिकी विदेश नीति के बारे में बात कर रहे थे।
"What I think is maybe one of the most dangerous nations in the world, #Pakistan. Nuclear weapons without any cohesion", said #USA President #JoeBiden at Democratic Congressional Campaign Committee Reception#ZEE24Kalak pic.twitter.com/e1LgvIEgZ7
— Zee 24 Kalak (@Zee24Kalak) October 15, 2022
गौरतलब है, कि जो बाइडेन का यह बयान इसलिए भी अचंभित करने वाला है, क्योंकि हाल ही में अमेरिका ने पाकिस्तान को उसके एफ-16 लड़ाकू विमानों के रख रखाव के लिए फंड देने का ऐलान किया था। अब अचानक ही दोनों देशों के बीच ऐसे क्या हालात बने, कि बाइडेन ने सार्वजनिक मंच से पाकिस्तान की सारी अकड़ निकाल दी है। बता दें, भारत शुरू से ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरता रहा है, लेकिन भारत के इस विरोध पर अमेरिका सदैव मौन साध लेता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के इस बयान से पहले अमेरिका के शीर्ष जनरल मार्क मिले ने दुनिया को आगाह करते हुए कहा था, कि अफगानिस्तान से तेजी से सेना हटाने की वजह से पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हो सकता है। बता दें, पिछले महीने ही बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के निर्णय को पलटते हुए पाकिस्तान को एफ-16 फाइटर जेट के लिए 45 करोड़ डॉलर (3,651 करोड़ रुपये) के उपकरणों की खरीद को मंजूरी दी थी।
उल्लेखनीय है, कि पाकिस्तान को सैन्य मदद देने पर भारत ने सख्त आपत्ति दर्ज की थी। भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अमेरिकी समकक्ष लायड आस्टिन को फोन कर भारत के हित प्रभावित होने की बात कही थी। वहीं भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अमेरिका और पाकिस्तान संबंधो पर सवाल उठाते हुए कहा था, कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच जो रिश्ते है, उनसे ना कभी पाकिस्तान को लाभ हुआ है और ना ही अमेरिका को।