देवभूमि उत्तराखंड शूरवीर ही नहीं वीरांगनाओं को भी जन्म देने वाली धरती रही है। इस पावन भूमि की ऐसी ही एक वीरांगना का नाम हैं, तीलू रौतेली। जिन्हें दुनिया में संभवतः एकमात्र ऐसी वीरांगना माना जाता है, जिन्होनें महज 15 से 20 वर्ष की आयु में सात युद्ध लड़े और सभी में जीत दर्ज की। उन्होंने अदम्य शौर्य का परिचय देते हुए अपना नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया है।
तीलू रौतेली के नाम पर उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को पुरस्कृत किया जाता है। इसी क्रम में गुरुवार (8 अगस्त 2024) को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिवस पर प्रदेश की 13 महिलाओं व युवतियों को राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली जबकि 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हरिद्वार बाईपास स्थित संस्कृति विभाग के प्रेक्षाग्रह में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने चयनित महिलाओं को सम्मानित किया। इस दौरान वीरांगना तीलू रौतेली के जीवन पर आधारित एक शॉर्ट फिल्म भी दिखाई गई।
आज #वीर_बाला_तीलू_रौतेली की जयंती है। आज ही के दिन 8 अगस्त 1661 को उनका जन्म हुआ था। वहीं देहरादून में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । प्रदेशभर की 13 महिलाओं को यह सम्मान दिया गया है। pic.twitter.com/KedsryYnMe
— DD NEWS UTTARAKHAND (@DDnews_dehradun) August 8, 2024
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने बताया, कि हर साल आठ अगस्त को तीलू रौतेली व आंगनबाड़ी पुरस्कार दिए जाते हैं। उन्होंने बताया, कि इसके साथ ही 32 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी पुरस्कार दिया गया। बाल परियोजनाओं में अच्छा कार्य करने वाली कार्यकर्ताओं को इस पुरस्कार के लिए चुना गया है।
कैबिनेट मंत्री ने कहा, कि सभी पुरस्कारों का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। उन्होंने सभी चयनित विभूतियों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बधाई देते हुए कहा, कि इससे अन्य महिलाएं भी प्रेरित होंगी। इस अवसर पर रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ, उत्तराखंड संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद की उपाध्यक्ष मधु भट्ट समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।