देवभूमि उत्तराखंड में अवैध मदरसों के खिलाफ प्रशासन का अभियान तेज हो गया है। पुलिस ने किच्छा के सिरोली कलां में अवैध रूप से संचालित मदरसे में छापा मारकर बंधक बनाकर रखे गए 24 बच्चों को बंधन मुक्त कराया। मदरसा संचालिका को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है,जबकि उसका पति फरार बताया जा रहा है। बंधक बनाये गए बच्चों ने बताया, कि आबिद और कामिल की डिग्री दिलवाकर उन्हें सरकारी नौकरी का लालच दिया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिस को खबर प्राप्त हुई, कि जनपद ऊधम सिंह नगर के किच्छा स्थित सिरौली कलां के वार्ड 18 में बाबू गोटिया चार बीघा क्षेत्र में इरशाद के घर पर अवैध मदरसा संचालित किया जा रहा है। उस मदरसे में बच्चों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जा रहा है। सूचना मिलते ही बीते सोमवार को पुलिस टीम ने पुलभट्टा थाने के एसओ कमलेश भट्ट की अगुवाई में मदरसे में छापा मारकर वहां बंधक बनाये गए 22 लड़कियों और दो लड़को को आजाद कराया।
पुलिस ने मदरसा संचालिका खातून बेगम को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया, लेकिन उसका पति इरशाद फरार होने में सफल रहा। पुलिस ने मदरसा को सील कर दिया है। पुलिस की सूचना पर चाइल्ड हेल्पलाइन और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर बच्चों की काउंसलिंग की। काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने बताया, कि मदरसे में उनका मानसिक और शारीरिक शोषण किया जा रहा था।
पुलिस की जांच में सामने आया, कि मदरसे में तालीम लेने वाले अधिकत्तर बच्चे पीलीभीत, बरेली और सिरौली कलां गांव के निवासी थे। बच्चों की उम्र पांच से लेकर 17 साल तक है। बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। बंधक बनाये गए बच्चों ने काउंसलिंग टीम को जानकारी दी, कि संचालक इरशाद सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर मदरसे में रुकने के लिए दवाब डाल रहा था।
जांच के दौरान यह जानकारी भी सामने आई है, कि मदरसे में बच्चों को बधुवा मजदूर का जीवन जीने के लिए विवश होना पड़ रहा था। उन बच्चों को मजहबी शिक्षा और कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा था। पुलिस को इससे संबंधित साक्ष्य भी मिले हैं। बता दें, हाल ही में नैनीताल जिले में भी अवैध मदरसे पर प्रशासन ने छापा मारा था। इस मदरसे में भी बच्चों का यौन शोषण किया जा रहा था। पुलिस ने मदरसे को सील करते हुए मदरसा संचालक और उसके पुत्र को गिरफ्तार कर लिया।