उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का शोर पूरे चरम पर है। उत्तराखंड के 100 नगर निकायों में दो दिन की जांच के बाद 202 नामांकन रद्द कर दिए गए हैं। इनमें महापौर के दो अध्यक्ष के 32 और पार्षद-सभासद के 168 नामांकन शामिल हैं। जांच में 6238 नामांकन सही पाए गए हैं। गुरुवार को नाम वापसी के बाद मैदान में डटे प्रत्याशियों की वास्तविक संख्या सामने आएगी।
आज गुरुवार 2 जनवरी 2025 को प्रत्याशियों को नाम वापसी का मौका दिया जाएगा। इसके बाद अंतिम सूची जारी हो जाएगी। वहीं नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब राजनीतिक पार्टियां पूरी तरह से चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। नगर निकायों में 31 दिसंबर और 1 जनवरी को नामांकन पत्रों की जांच हुई।
बता दें, कि मेयर पद के लिए 103 नामांकन आए, जिनमें से दो रद्द हो गए। 43 नगर पालिका में अध्यक्ष पद के लिए 285 नामांकन आए, जिनमें से 20 रद्द हुए। 46 नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए 302 नामांकन आए, जिनमें से 12 रद्द हुए। अब कल शुक्रवार 3 जनवरी को चुनाव चिन्हों का आवंटन किया जाएगा। चुनाव के लिए 23 जनवरी को मतदान डाले जाएंगे और 25 जनवरी के दिन चुनाव के नतीजे सामने आएंगे।
उल्लेखनीय है, कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के साथ ही नगर निकायों के चुनाव वर्चस्व की लड़ाई के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि ये शहरी क्षेत्र में गठित होने वाली स्थानीय सरकार होती है जो अपने क्षेत्र में तमाम विकास कार्यों को धरातल पर उतारने के साथ ही साफ-सफाई समेत तमाम व्यवस्थाओं को दुरुस्त करती है।
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव में सत्ताधारी दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन के लिए अपनी पूरी शक्ति झोंक रहे हैं, जबकि अन्य स्थानीय राजनीतिक दल एवं निर्दलीय भी अपना दमखम और उपस्थिति दर्ज करवाने की तैयारी कर रहे हैं।