जौनपुर ब्लाॅक के कैम्पटी थाना क्षेत्र के रियाट गांव में ततैयों के झुंड के हमले में एक 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। जबकि उसके भाई को मसूरी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना से गांव में मातम पसर गया है। बता दें, कि जौनपुर क्षेत्र में करीब सवा माह पहले भी ततैयों के काटने से पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत हो गई थी।
डीएफओ मूसरी वन प्रभाग अमित कंवर ने बताया, जौनपुर ब्लाॅक के रियाट गांव में ततैयों के हमले में एक शख्स की मौत और एक के घायल होने की सूचना प्राप्त हुई है। सूचना के बाद वन कर्मियों की टीम को मौके पर भेजा गया है। पीड़ित परिवार को फौरी तौर पर एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता जल्द उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा।
इस घटना के बारे में रियाट गांव के निवासी जबर सिंह ने बताया, कि शनिवार सुबह उसका बड़ा भाई सुरजन सिंह, भाभी भामू देवी और भाई राय सिंह गांव से दूर जंगल में बकरियां और गाय चराने गए थे। इस दौरान झाड़ियों में मौजूद ततैया के छत्ते पर गाय का पैर लग गया। इसके बाद ततैया का झुंड आक्रामक हो गया और उन्होंने हमला कर दिया।
दोपहर लगभग 12:30 बजे भाभी ने फोन कर सूचना दी, कि उनके ऊपर ततैयों के झुंड ने हमला कर दिया है। इस हमले में उसका पति और देवर बेहोश हो गए हैं। सूचना पर वह ग्रामीणों के साथ जंगल में घटना स्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों की मदद से बेहोश पड़े सुरजन और राय सिंह को गंभीर हालत में निजी वाहन से मसूरी अस्पताल पहुंचाया गया।
अस्पताल में डॉक्टरों ने सुरजन सिंह को मृत घोषित कर दिया। जबकि राय सिंह का अस्पताल में उपचार चल रहा है। वहीं घायल राय सिंह ने होश आने पर बताया, कि भाई सुरजन पर ततैयों ने जैसे ही हमला किया तो वह और उनकी भाभी झाड़ियों में छिप गए थे। हालांकि उस पर भी ततैयों ने हमला किया था, लेकिन भाभी पूरी तरह सुरक्षित थी।
बता दें, कि लगभग एक महीने पहले मसूरी में ही गायों को चराने जंगल में गए पिता-पुत्र पर ततैयों के झुंड ने हमला कर दिया था। जिसमें पुत्र को बचाने के चक्कर में पिता की भी मौत हो गई थी। वहीं बीती 7 नवंबर को रुड़की में मधुमक्खियां ने पूर्व सैनिक पर हमला कर दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। जबकि कुछ दिन पहले आईआईटी रुड़की परिसर में भी मधुमक्खियां ने छात्रों पर हमला कर दिया था, जिसमें 30 से अधिक छात्र घायल हो गए थे।