धर्मनगरी हरिद्वार स्थित हरकी पैड़ी और योगनगरी ऋषिकेश में होने वाली भव्य गंगा आरती की तरह अब कालसी में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यमुना आरती का शुरुआत की जाएगी। इसके लिए कालसी के हरिपुर में यमुना किनारे नमामि गंगे योजना के अंतर्गत सात करोड़ रुपए की लगात से घाट का निर्माण होने जा रहा है।
अमर उजाला की रिपोर्ट्स के अनुसार, नमामि गंगे के प्रस्ताव पर एमडीडीए ने प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार कर ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जल्द ही इसका शिलान्यास किया जायेगा। इसके तहत कालसी के हरिपुर में यमुना नदी के दायें किनारे पर 170 मीटर लंबा घाट बनाया जाएगा। इसकी चौड़ाई 15 मीटर होगी। नमामि गंगे प्रोजेक्ट की तरफ से इसका प्रस्ताव 23 जुलाई को मिलने के बाद एक माह में प्राधिकरण ने इसकी डीपीआर तैयार कर ली है। प्रोजेक्ट की लागत 7 करोड़ 52 लाख रुपए बताई जा रही है।
एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने अमर उजाला को बताया, कि घाट को भव्य स्वरूप प्रदान किया जाएगा। हरिद्वार और ऋषिकेश की तर्ज पर यमुना आरती की प्रक्रिया को नियमित तौर पर करने की व्यवस्था की जाएगी। आरती के अलावा धार्मिक आयोजन भी किए जाएंगे। समय-समय पर मेले के आयोजन की भी व्यवस्था की जाएगी। स्थानीय स्तर पर अधिकारियों और घाट संचालन कमेटी के सहयोग से व्यवस्था को सुचारू किया जाएगा।
उल्लेखनीय है, कि मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण देहरादून में पर्यटन के नए केंद्रों को विकसित करने पर काम कर रहा है। इसके तहत धार्मिक पर्यटन की संभावनाओं को तलाश किया जा रहा है। कालसी में यमुना किनारे धार्मिक पयर्टन का नया केंद्र विकसित करने की योजना प्राधिकरण ने बनाई है। यमुना घाट को आरती स्थल के साथ ही घाट के आसपास पर्यटकों के लिए अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। वाहन पार्किंग से लेकर यात्रियों के बैठने और ठहरने की भी उचित व्यवस्था होगी।
प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 12 महीने की समयावधि तय की गई है। इस पहल को यमुना के संरक्षण से भी जोड़कर देखा जा रहा है। इस घाट के बनने से कालसी के पर्यटन को नए आयाम मिलेंगे। घाट बनने के बाद आरती में शामिल होने के लिए पर्यटक आएंगे, तो वह कालसी के धार्मिक महत्व ही नहीं बल्कि यहां की धरती में समाहित इतिहास से भी परिचित हो सकेंगे। कालसी का वर्णन कई प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है। अश्वमेघ यज्ञ से भी इस धरती का जुड़ाव है।