पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरुषि निशंक की नई वेब सीरीज ‘लाइफ हिल गई’ 9 अगस्त को हॉटस्टार ओटीटी पर रिलीज होने वाली है। इस वेब सीरीज की शूटिंग उत्तराखंड के नैनीताल और रानीखेत में की गई है। इस वेब सीरीज में उत्तराखंड की संस्कृति, समस्या और खूबसूरत वादियां भी देखने को मिलेगी।
‘लाइफ हिल गई’ वेब सीरीज की निर्माता आरुषि निशंक ने कहा, कि इस वेब सीरीज की पूरी शूटिंग उत्तराखंड में ही की गई है। वेबसीरीज को प्रदेश की खूबसूरत वादियों और दिल को छू लेने वाली कहानी के साथ बनाया गया है। इस वेब सीरीज की कहानी एक परिवार के बीच आपसी प्रेम, सौहार्द के साथ ही कटुता, स्पर्धा और व्यक्तिगत विकास की भावना को बताती है।
हिमश्री फिल्म की संस्थापक और “लाइफ हिल गई” वेब सीरीज की निर्माता-निर्देशक आरुषि निशंक ने बताया, कि कुछ समय पहले इस वेब सीरीज का ट्रेलर रिलीज किया गया था, जो काफी सुर्खियों में रहा। अभी तक वेब सीरीज “लाइफ हिल गई” के ट्रेलर को सात करोड़ से अधिक लोग यूट्यूब पर देख चुके हैं।
आरुषि निशंक ने उम्मीद जताई है, कि इस वेब सीरीज को दर्शकों का भरपूर प्यार मिलेगा। उन्होंने विश्वास जताया, कि ‘लाइफ हिल गई’ की सफलता के बाद उत्तराखंड निर्माता और निर्देशकों की पहली पसंद बनेगा, जिससे यहां के फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय कलाकारों को अवसर मिलेगा, पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
आरुषि निशंक ने बताया, कि इस वेब सीरीज में उत्तराखंड के परिवेश और रिति-रिवाज को दर्शाया गया है। वेब सीरीज 9 अगस्त को हॉटस्टार ओटीटी पर रिलीज होने जा रही है। इस वेब सीरीज में हिंदी फिल्मों और वेब सीरीज के लोकप्रिय कलाकारों ने अभिनय किया है, जिनमें मिर्जापुर फेम देवेन्दु शर्मा उर्फ मुन्ना भैया, मुक्ति मोहन, कबीर बेदी, विनय पाठक, हेमंत पांडे, भाग्यश्री और कुशा जैसे दिग्गज कलाकार शामिल है।
बता दें, कि आरुषि निशंक पूर्व मुख्यमंत्री और एचआरडी मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक की बड़ी बेटी हैं। फिलहाल वो एक्टिंग के फिल्ड में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। उनका जन्म कोटद्वार में हुआ था। 36 साल की आरुषि एक फिल्म निर्माता भी है। इसके साथ ही आरुषि एक इंटरनेशनल लेवल की ट्रेंड कथक डांसर भी हैं। वहीं आरुषि पीएचडी करके अब डॉक्टर की उपाधि भी ले चुकी हैं।
आरुषि निशंक इसके साथ ही एक प्रेरक सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरण संरक्षणवादी हैं, जो अपने एनजीओ, स्पर्श गंगा के माध्यम से गंगा नदी को संरक्षित करने और नमामि गंगा अभियान के साथ गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने जैसे कार्यों के लिए समर्पित हैं। वह पर्यावरण संरक्षण आदि के लिए वृक्षारोपण पहल में भी सक्रिय रूप से शामिल है।