टिहरी स्थित श्रीदेव सुमन झील पर्यटन विकास परियोजना को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने अनुमति दे दी है। इस परियोजना से टिहरी झील वैश्विक स्तर पर पर्यटकों के लिए नया डेस्टिनेशन स्थापित किया जायेगा। इस परियोजना के अंतर्गत वाटर स्पोर्ट्स, टैंट कॉलोनी का निर्माण, रोपवे, होटल, योग एवं पंचकर्मा सेंटर समेत अन्य सुविधाओं के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक और ब्रिक्स डेवलपमेंट बैंक से करीब 1800 करोड़ की मदद मिलेगी।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने मीडिया को बताया, कि टिहरी शहर के ऐतिहासिक महत्व को पुनर्स्थापित करने और ढांचागत पर्यटन को और अधिक मजबूत बनाने के साथ ही रोजगार के नए पद सृजित किए जायेंगे। उन्होंने कहा, कि परियोजना के अंतर्गत टिहरी स्थित कोटी कालोनी, तिवाड़ गांव, डोबरा चांटी, टिहरी झील, मदन नेगी को क्लस्टरों के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना से प्रत्यक्ष तौर पर करीब चालीस हजार और परोक्ष रूप से लगभग दो लाख परिवार लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा, कि परियोजना के लिए हरित तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दें, कि राज्य सरकार ने वित्त मंत्रालय को टिहरी झील पर्यटन विकास परियोजना का संशोधित प्रस्ताव भेजा था। जिसमें टिहरी में पर्यटन अवस्थापना व सुविधाओं के विकास के साथ झील के चारों ओर एक रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। प्रस्ताव को नीति आयोग, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सड़क परिवहन मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय की मंजूरी के बाद वित्त मंत्रालय ने अनुमति दी है। बताया जा रहा है, एडीबी की टीम शीघ्र ही उत्तराखंड राज्य का दौरा करेगी।