यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी हाकम सिंह के वन भूमि पर बने दो अवैध रिजॉर्ट को प्रशासन ने मंगलवार को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई से पहले ग्रामीणों और प्रशासन की टीम के बीच नोकझोंक भी हुई। प्रशासन के नहीं मानने पर ग्रामीणों ने स्वयं ही रिजॉर्ट पर लगी लकड़ी निकाल दी। बाद में प्रशासन की टीम ने बुलडोजर से रिजॉर्ट ध्वस्त कर दिया।
इस बीच शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए यहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई। लगभग 200 से अधिक पुलिस और आईटीबीपी जवान मौके पर तैनात रहे। सांकरी के सिदरी गांव के पास अवैध कब्जे को ध्वस्त करने की कार्रवाई के दौरान हाकम सिंह की पत्नी प्रशासन की टीम के आगे गिड़गड़ाती नजर आईं। हाकम की पत्नी बार-बार प्रशासन से रिजॉर्ट ध्वस्त न करने की गुहार लगाती दिखी।
उल्लेखनीय है, कि बीते 26 सितम्बर को गोविंद वन्य जीव विहार प्रशासन ने नोटिस जारी कर अवैध रिजॉर्ट खाली कर इन्हें ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। ऐसा नहीं किए जाने पर चार अक्तूबर को प्रशासन ने ध्वस्तीकरण किए जाने की बात कही थी, इसके साथ ही ध्वस्तीकरण में आए खर्चे की वसूली भी अतिक्रमणकारियों से वसूलने की बात कही थी।
मंगलवार को गोविंद वन्य जीव विहार राष्ट्रीय पार्क, पुरोला तहसील प्रशासन और पुलिस सांकरी स्थित वन विभाग की भूमि पर बने हाकम सिंह के रिजॉर्ट को ध्वस्त करने पहुंची। इस दौरान हाकम की पत्नी बिसुली देवी व ग्रामीणों ने ध्वस्तीकरण का विरोध किया।
UKSSSC paper leak case | Uttarakhand: The resort of main accused, Hakam Singh Rawat, District Panchayat member & expelled local BJP leader, was demolished by the administration in Sankari village in Uttarkashi district pic.twitter.com/50LSnw2XS0
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 4, 2022
बिसुली देवी ने प्रशासन व वन गोविंद वन्य जीव विहार प्रशासन से दोबारा जांच करने की मांग की है, जिस पर विभाग ने दोबारा जांच से इंकार कर दिया। इसके बाद ग्रामीणों ने खुद ही अवैध रिजॉर्ट को तोड़ना शुरू कर और रिजॉर्ट में लगी लकड़ी खोलकर ले गए।
गोविंद वन्य जीव विहार के उपनिदेशक डीपी बलूनी ने मीडिया को जानकारी दी, कि ध्वस्तीकरण की संभावना के मद्देनजर रिजॉर्ट से सामान पहले ही खाली कर दिया गया था। होम स्टे से खिड़की, दरवाजे, शौचालय की सीट आदि कीमती सामान पहले ही निकाल दिया गया था।
उपनिदेशक बलूनी ने बताया, कि संबंधित पक्ष को बीते 26 सितंबर को बेदखली का नोटिस जारी कर दिया गया था, लेकिन संबंधित पक्ष ने निर्धारित समयावधि तक नोटिस का पालन नहीं किया। इस पर मंगलवार को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई। ध्वस्तीकरण का खर्चा भी संबंधित पक्ष से वसूला जाएगा।