सहस्रताल में फंसे आठ ट्रैकर को लेकर जब एसडीआरएफ की टीम देहरादून पहुंची, तो उनके चेहरे पर भय की लकीरें साफ नजर आ रही थी। इनमें से कई ट्रैकरों की सेहत ठीक होने के बावजूद भी वो दहशत के साये बाहर नहीं निकल पाए है। वहीं अब इस मामले को लेकर प्रशासन भी सख्ती से एक्शन ले रहा है। इस हादसे को लेकर जांच के आदेश जारी कर दिए गए है। अब गढ़वाल कमिश्नर इस मामले की जांच करेंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, “उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी जिले के सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक रूट पर खराब मौसम के कारण ट्रैकिंग दल के साथ हुई दुर्घटना की मजिस्ट्रेट जांच कराने का निर्णय लिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा मजिस्ट्रियल जांच के आदेश जारी कर दिए गए है। उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर को निष्पक्ष जांच कर जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने को कहा है।
The Uttarakhand government has decided to conduct a magisterial inquiry into the accident that occurred with the trekking team due to bad weather on the Silla-Kushkalyan- Sahastratal track route in Uttarkashi district. State Chief Secretary Radha Raturi has asked the Garhwal… pic.twitter.com/3v60arDX9x
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) June 6, 2024
जानकारी के लिए बता दें, बीती 29 मई को कर्नाटक के 22 सदस्यीय ट्रैकरों का एक दल हिमालयन व्यू ट्रेकिंग एजेंसी के स्टाफ के साथ सिल्ला-कुशकल्याण-सहस्त्रताल की ट्रेकिंग पर रवाना हुआ था। इस दौरान ट्रैक रुट पर उनके साथ आठ खच्चर और तीन गाइड शामिल थे। बताया जा रहा है, कि दो जून की शाम सहस्त्रताल समिट कर वापस आ रहे ट्रैकरों का सामना बर्फीले तूफान से हो गया। लगभग 90 किमी प्रतिघंटा से चल रहे बर्फीले तूफान के कारण टीम के सभी सदस्य एक-दूसरे से अलग होने लगे।
मौसम अचानक बदलने के बाद आंधी-तूफान के साथ ही आसमान से ओले भी बरसने लगे। इस दौरान ठंड भी असहनीय रूप से बढ़ने लगी। इस कारण जो जहां था, वहीं रुक गया। इसी बीच भीषण ठंड के कारण एक ट्रैकर ने दम तोड़ दिया। ये देखकर उसके आस-पास मौजूद अन्य साथी भी बुरी तरह डर गए और इसी खौफ में अन्य चार ट्रैकर की भी मौत हो गई।
ट्रैकिंग दल के साथ गए गाइड राजेश ने अपनी आप-बीती सुनाते हुए मीडिया को बताया, कि घटना के बाद उसने लगभग 18 किलोमीटर पैदल चलकर किसी प्रकार यह सूचना ट्रैकिंग एजेंसी और एसोसिएशन को दी। बता दें, कि इस हादसे में नौ ट्रैकरों ने जान गँवाई है। प्रशासन ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 13 ट्रैकरों को सुरक्षित निकाल लिया। इनमें से 11 को एयरलिफ्ट किया गया था। जबकि आठ ट्रेकर को रेस्क्यू कर एसडीआरएफ देहरादून लेकर आ गई है। सभी देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती है।
मौत के मुँह से जिंदा बचकर निकली स्मृति प्रकाश ने मीडिया को बताया, कि बर्फीले तूफान के बीच जब उन्होंने फोन से संपर्क करने का प्रयास किया, तो नेटवर्क नहीं होने से किसी को हादसे के बारे में बता नहीं पाए। रात को घुप अंधेरा होने के चलते जान बचाना और भी मुश्किल हो गया। किसी तरह मोबाइल की टार्च जलाकर वह एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते रहे। बुधवार सुबह जब उनके पास रेस्क्यू हेलीकाप्टर पहुंचा, तब उन्हें महसूस हुआ, कि अब वह सुरक्षित है।