हरिद्वार जिला प्रशासन ने एक अहम कार्रवाई करते हुए अवैध रुप से बनी मजार नुमा मजहबी संरचना को ध्वस्त कर दिया है। एसडीएम सदर हरिद्वार के नेतृत्व में पुलिस और प्रशासन की टीम ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ध्वस्तीकरण की इस कार्रवाई को अंजाम दिया। यह कार्रवाई रानीपुर कोतवाली क्षेत्र के राजपुर क्षेत्र में की गई है, जहां एक लंबे वक्त से सरकारी जमीन पर मजार नुमा मजहबी संरचना बनाकर अवैध कब्जा किया गया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मजार के निर्माण के लिए प्रशासन से कोई भी अनुमति नहीं ली गई थी। नोटिस के बाद भी जब कब्जे को नहीं हटाया गया, तो इसे ध्वस्त कर दिया गया। जिला प्रशासन ने बताया, कि यह जमीन टिहरी बाँध परियोजना पुनर्विकास मंडल के अधीन थी। अवैध मजार के गिराए जाने के दौरान काफी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात रहा।
#WATCH | Haridwar, Uttarakhand: The illegal 'Mazar' built on the land of the Rehabilitation Department in the Mirpur village of Bahadarabad area was demolished today by the Haridwar district administration amid tight security arrangements. pic.twitter.com/aAw0KknsDw
— ANI (@ANI) October 19, 2024
इस कार्रवाई के संबंध में मीडिया को जानकारी देते हुए हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने बताया, कि जनपद में ‘अतिक्रमण हटाओ अभियान’ लगातार चल रहा है। हरिद्वार के मीरपुर गांव में करीब 97 हेक्टेयर जमीन थी, जिसमें दो बीघा जमीन यूपी सिंचाई की थी। विभाग ने उस जमीन को अस्थायी कृषि पट्टे पर दिया था, जिसकी मियाद कुछ समय पहले ही खत्म हो गई थी। इसी बीच विशेष समुदाय के लोगों वहां पर धार्मिक संरचना बना ली, जिसमें कुछ जमीन पुनर्वास विभाग की भी थी।
हरिद्वार जिलाधिकारी ने बताया, कि पुनर्वास निदेशक का भी अनुरोध आया था, कि उन्हें वो जमीन खाली करानी है। इसी क्रम में अतिक्रमणकारियों को नोटिस दिया गया था। नोटिस देने के बाद अतिक्रमणकारियों ने कहा था, कि वो समय से अवैध निर्णाम को हटा लेगे, लेकिन अभी तक नहीं हटाया गया, जिसके बाद प्रशासन ने अपनी कार्रवाई करते हुए सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
गौरतलब है, कि उत्तराखंड में बीते कुछ वक्त से काफी अवैध मजारों पर कार्रवाई की गई है। उत्तराखंड की धामी सरकार ने लगभग 1000 अवैध मजारों की सूची बनाई है। इन पर एक-एक करके लगातार एक्शन लिया जा रहा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी स्पष्ट रूप से कह चुके हैं, कि देवभूमि उत्तराखंड में किसी प्रकार का लैंड जिहाद स्वीकार नहीं किया जायेगा।