देवभूमि उत्तराखंड में कुकुरमुत्ते की तरह उग आई अवैध मजारों को हटाने के लिए धामी सरकार ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश में हो रहे लैंड जिहाद से पूर्ण रूप से मुक्त कराने के संकल्प के बाद बीते बुधवार को वन विभाग ने अवैध मजारे हटाने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया है। उल्लेखनीय है, कि सीएम धामी हाल ही में कह चुके है, कि हमने ऐसे 1 हजार स्थान चिह्नित किए हैं, जहां पर इस प्रकार का अतिक्रमण हुआ है, और उसको हटाने का काम हमने प्रारंभ कर दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) विनोद सिंघल ने इस महत्वपूर्ण कार्रवाई के लिए मुख्य वन संरक्षक पराग मधुकर धकाते को नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपा है। नोडल अधिकारी अवैध मजारों को हटाने की कार्रवाई की प्रतिदिन निगरानी करेंगे और नियमित रूप से इसकी रिपोर्ट शासन को देंगे।
गौरतलब है, कि उत्तराखंड के युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्पष्ट कर चुके है, कि देवभूमि का स्वरूप बिगड़ने नहीं देंगे और प्रदेश में लैंड जिहाद और जनसांख्यिकी परिवर्तन को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जायेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड के कई जिलों में सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके बनाई गई एक हजार से अधिक मजारों में लगभग 400 मजार वन भूमि पर अवैध रूप से कब्जा करके बनाई गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त रुख के बाद वन विभाग ने इन मजारों को हटाने की कार्रवाई शुरू की है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले तीन माह के अंतराल में देहरादून वन प्रभाग में 17 और कालसी वन प्रभाग में नौ, जबकि गढ़वाल प्रभाग में एक मजार हटाई जा चुकी है। वहीं कुमाऊं मंडल में भी लगभग दो दर्जन से अधिक अवैध मजारों को ध्वस्त किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है, कि अभी भी बड़ी संख्या में देवभूमि उत्तराखंड की वन भूमि पर कब्जा करके बनाई अवैध मजारों को हटाया जाना बाकी है। अब स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा इस गंभीर मुद्दे पर संज्ञान लिए जाने के बाद वन विभाग ने अवैध मजारों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाने की विस्तृत योजना बनाई है। बता दें, कि दिसंबर 2022 और मार्च 2023 के मध्य कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने करीब 41 अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया है।