पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत द्वारा हरिद्वार से लोकसभा चुनाव लड़ने का राग छेड़ने के बाद अचानक से पूर्व सीएम हरीश रावत की हरिद्वार में एंट्री से सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया है। बता दें, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने बीते मंगलवार को धार्मिक नगरी पहुंचकर हरिद्वार लोकसभा सीट से चुुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। हालाँकि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार की राजनीती में अपने विरोधियों आसानी से रास्ता देंगे, इसके संकेत कम ही है।
उल्लेखनीय है, कि ठीक एक दिन पहले ही हरिद्वार से लौटे पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के बाद बुधवार को फेरूपुर पहुंचे पूर्व सीएम हरीश रावत का भव्य स्वागत कार्यक्रम हुआ। स्वयं के स्वागत कार्यक्रम में हरीश रावत ने इस दौरान ग्रामीणों की जमकर प्रशंसा भी की। हरीश रावत ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर हरक रावत की दावेदारी पर तो कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन हरिद्वार में कार्यकर्त्ताओं से मुलाकात कर उन्होंने अपना सियासी अभियान जारी रखने के स्पष्ट संकेत दे दिए है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा, कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष के मध्य संवाद होना चाहिए। बहुत अच्छा लगता है, जब हम एक-दूसरे से मिलते हैं, बातचीत करते हैं या सुझाव देते हैं, यहां तक की प्रशंसा और आलोचना भी लोकतंत्र को शक्ति देती है। मगर यदि कोई बैठक गुपचुप हो, बड़े छिपे अंदाज में हो और कोई सूंघने में माहिर और गिद्ध दृष्टि रखने वाले पत्रकार, राष्ट्रीय पत्र उसको प्रकाशित कर दे, पार्टी की तरफ से इन समाचारों का खंडन आना चाहिए, ताकि कार्यकर्ताओं में कोई भ्रम न फैले। “जय उत्तराखंड – जय कांग्रेस”।
माहिर और गिद्ध दृष्टि रखने वाले पत्रकार, राष्ट्रीय पत्र उसको प्रकाशित कर दे..https://t.co/kT4vI2QD7L.. #पार्टी की तरफ से इन समाचारों का खंडन आना चाहिए ताकि कार्यकर्ताओं में कोई भ्रम न फैले।
"जय उत्तराखंड – जय कांग्रेस"।।#uttarakhand @BJP4UK @INCIndia @INCUttarakhand— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) July 14, 2022
गौरतलब है, कि वर्तमान में कांग्रेस के अंदर भीतरी गुटबाजी नया आकर लेती नजर आ रही है। उत्तराखंड में लगातार दो विधानसभा चुनाव और दो लोकसभा चुनाव में पराजय का मुँह देखने के बाद कांग्रेस की कठिनाई गुटबाजी से और बढ़ सकती है। पूर्व सीएम हरीश रावत और उनका विरोधी पक्ष अब आमने सामने आ गए है। बीते मंगलवार को हरक सिंह रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता भुवन कापड़ी ने अचानक भूपतवाला स्थित जयराम आश्रम में बैठक की थी। चर्चा है, कि हरीश रावत विरोधी खेमे की कमान हरक रावत ने अब अपने हाथो में ले ली है।