चंपावत उपचुनाव में शर्मनाक हार के बाद अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नेतृत्व और कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे है। हालाँकि सीएम धामी की उपचुनाव में जीत निश्चित थी, लेकिन कांग्रेस पार्टी का उपचुनाव में जिस प्रकार का प्रदर्शन रहा है, उसने प्रदेश नेतृत्व पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। बता दें, विधानसभा 2022 चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तराखंड में बड़ा फेरबदल किया था।
उल्लेखनीय है, कि विधानसभा चुनाव 2022 में हार के बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने करन माहरा को प्रदेश अध्यक्ष और यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व सौंपा था। इससे पार्टी कार्यकर्त्ताओं के बीच एक नई उम्मीद जगी थी, कि ये दिग्गज नेता कांग्रेस में नई जान फूंकेंगे, लेकिन इन दोनों के नेतृत्व में चंपावत उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी हार का मुँह देखना पड़ा।
गौरतलब है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ओर जहां 58 हजार से अधिक वोट हासिल कर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी के खाते में कांग्रेस के अब तक के इतिहास में सबसे कम सिर्फ 3233 वोट ही मिले। ये दिलचस्प है, कि यह स्थिति तब हुई, जब प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व सीएम हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल समेत कई वरिष्ठ नेता चंपावत में डेरा डाले हुए थे।
चंपावत उपचुनाव में मिली दयनीय हार की खीझ उतारते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने हार का ठीकरा भाजपा और सरकारी सिस्टम पर फोड़ा। उन्होंने ट्वीट कर कहा, हम स्वीकारते है परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को डराया धमकाया गया। चुनाव जल्दबाज़ी में कराये गए।अचार सहिंता की धज्जियाँ उड़ी। बूथ एजेंट्स को भगाया गया। जनता को डराया गया। तरह तरह के प्रपंच किये गए। इस जीत में भी उनकी और लोकतंत्र की हार है।
हम स्वीकारते है परिणाम हमारे पक्ष में नहीं आया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को डराया धमकाया गया।चुनाव जल्दबाज़ी में कराये गए।अचार सहिंता की धज्जियाँ उडी। बूथ एजेंट्स को भगाया गया। जनता को डराया गया। तरह तरह के प्रपंच किये गए। इस जीत में भी उनकी और लोकतंत्र की हार है।@INCIndia
— Yashpal Arya (@IamYashpalArya) June 3, 2022
अब भले ही कांग्रेसी नेता सरकारी सिस्टम के दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे है, लेकिन वर्तमान में उन्हें गहन आत्म चिंतन की सख्त जरूरत है। चंपावत उपचुनाव में शर्मनाक हार का सामना करने वाली कांग्रेस प्रत्याशी निर्मला गहतोड़ी ने भी कांग्रेस संगठन और कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा, कि कांग्रेस का कोई भी बड़ा नेता चंपावत में चुनावी प्रचार के लिए क्षेत्र में नहीं आया। निर्मला गहतोड़ी ने कहा, कि पार्टी की तरफ से उन्हें सम्पूर्ण सहयोग नहीं मिला है। वहीं अब प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और आर्य की चुनौतियों का सिलसिला शीघ्र ही आरंभ होने जा रहा है। उपचुनाव के बाद अब निकाय और पंचायत चुनाव होने है। वहीं वर्ष 2024 में लोकसभा चुनाव भी होगा। ये तीनों चुनाव कांग्रेस पार्टी के लिए बेहद अहम साबित हो सकते है।