वैश्विक स्तर पर अमेरिका समेत यूरोपीय देशों में मंकीपॉक्स वायरस मिलने के बाद उत्तराखंड राज्य में भी इसे लेकर अलर्ट जारी किया गया है। सभी अस्पतालों को ओपीडी में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ ही लक्षण नजर आने पर तत्काल उच्च अधिकारियो को सूचित करने के निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने एडवाइजरी जारी कर निजी अस्पतालों को भी मंकीपॉक्स के मामलों में सतर्कता बरतने के आदेश दिए गए है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, किसी भी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण नजर आने पर जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को तत्काल सूचित करने को कहा है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम को मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से आने वाले लोगों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मीडिया को बताया, कि जिन देशों में मंकी पॉक्स के मामले सामने आ रहे है, यदि उन देशो से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी।
मंकीपॉक्स के लक्षण पाए जाने पर मरीज को तत्काल आइसोलेट करने और उसके सैंपल जांच के लिए पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजने के आदेश दिए गए हैं। डीजी हेल्थ डॉ. शैलजा भट्ट ने इस संदर्भ में सभी सीएमओ व सीएमएस को आदेश जारी कर दिए है। स्वास्थ्य महानिदेशक ने दिशानिर्देशों में नागरिको से अपील करते हुए कहा है, कि बुखार के साथ शरीर पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखें, तो तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।
उल्लेखनीय है, कि दुनिया के लगभग 20 देशों मंकीपॉक्स अपने पांव पसार चुका है। इसके मद्देनजर डब्ल्यूएचओ और केंद्र सरकार भी अलर्ट और दिशानिर्देश जारी कर चुके है। इस वायरस से संक्रमित मरीजों को बदन दर्द, बुखार और थकान की शिकायत रहती है। उसके बाद रोगी की त्वचा पर गांठ दिखनी शुरू हो जाती है। वहीं अगले चरण में हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पार्ट्स पर लाल चकत्ते बनने लगते है। ध्यान ना देने पर दाने और चकत्ते बड़े हो जाते है, और उनमें मवाद भरना शुरू हो जाता है।
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