वर्ष 2016 में हुई ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीओ) भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट में हुई गड़बड़ी में बीते शनिवार (17 सितम्बर 2022) को एसटीएफ ने मुरादाबाद से एक और आरोपित को गिरफ्तार किया है। आरोपित मुकेश चौहान पर कई अभ्यर्थियों से पास कराने के नाम पर पैसे लेने का आरोप है। आरोपित मुकेश आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन कंपनी के मालिक का खास मित्र बताया जा रहा है। अब इस मामले में भी कंपनी के मालिकों और डायरेक्टरों के नाम भी अब संदेह के घेरे में आने की आशंका जताई जा रही है।
उल्लेखनीय है, कि वर्ष 2016 में ग्राम विकास अधिकारी के 197 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। इस भर्ती परीक्षा में एक लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे, हालाँकि जब परीक्षा में गड़बड़ी की पोल कुछ दिनों बाद ही खुल गई, तो इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। विभागीय जांच के बाद वर्ष 2019 में ये मामला विजिलेंस को सौंप दिया गया था। इस प्रकरण में प्राथमिक जांच के बाद विजिलेंस ने जनवरी 2020 में मुकदमा दर्ज किया, लेकिन अब तक किसी को इस मामले में नामजद नहीं किया गया था।
एसटीएफ के एसएसपी अजय सिंह ने मीडिया को जानकारी दी, कि आरोपी शिक्षक मुकेश कुमार से पूछताछ के आधार पर एसटीएफ ने मुकेश चौहान को गिरफ्तार किया है। आरोपित मुकेश ने गांव के कई लोगों को परीक्षा में पास कराया। इसके लिए ओएमआर शीट में अपने मन से गोलों को काला किया गया था। इसकी पुष्टि फोरेंसिक जांच में भी हो चुकी है। आरोपित मुकेश चौहान और आरएमएस कंपनी का मालिक राजेश चौहान दोनों पुराने दोस्त बताए जा रहे है।
बता दें, ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा में जब घोटाले की बात सामने आई, तो इस परीक्षा को दोबारा कराया गया था। परीक्षा अगले साल 2017 में दोबारा से आयोजित कराई गई थी। इस बार के परीक्षा परिणामो में पता चला, कि जिन अभ्यर्थियों ने पहली बार हुई परीक्षा में टॉप किया था, वे दोबारा हुई परीक्षा में फिसड्डी साबित हुए थे। ये सभी ऊधमसिंह नगर जनपद के एक ही गांव के निवासी थे। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है, कि इस परीक्षा में धांधली करने वाले भी कुमाऊं के इसी इलाके के रहने वाले है।
उल्लेखनीय है, कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर इस मुकदमे की जांच को भी एसटीएफ को सौंप दिया गया था। एसटीएफ ने इस मामले में बीते शुक्रवार को धूमाकोट के एक सरकारी शिक्षक को भी गिरफ्तार किया था। इस शिक्षक ने ऊधमसिंह नगर के कई अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए पैसे लिए थे। बता दें, एसटीएफ वर्तमान में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग कि स्नातक स्तर भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण, सचिवालय रक्षक, वन दरोगा और ग्राम विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा की जाँच कर रहा है।