उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग में 40 श्रमिकों की लाइफ निर्माणधीन सुरंग में कैद है। पिछले 78 घंटे से सिलक्याला सुरंग में फँसे श्रमिकों के रेस्क्यू में सेना और वायुसेना की टीमें भी सहयोग कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी राहत एवं बचाव कार्य पर अधिकारियो से पल-पल की अपडेट ले रहे है। टनल के अंदर ड्रिलिंग का कार्य जारी है, जिससे जल्दी से जल्दी से 40 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रविवार 12 नवंबर को सिल्क्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में मलबा आने से 40 मजदूर फँस गए थे। रेस्क्यू अभियान में जुटे अधिकारियों के मुताबिक, वे 3 फीट व्यास वाली पाइप को मलबे से गुजारेंगे और इसके रास्ते ही मजदूर बाहर आएँगे। मजदूरों से लगातार संपर्क बना हुआ है, और सभी श्रमिक सुरक्षित और स्वस्थ है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने मीडिया को जानकारी दी है, कि बचाव अभियान में प्राकृतिक कारणों से समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके चलते रेस्क्यू की गति भी धीमी है। उन्होंने बताया, कि वायुसेना की सहायता से भारी ड्रिलिंग मशीन को यहाँ लाने का प्रयास किया जा रहा है। डीजीपी ने श्रमिकों के जल्द ही बाहर निकलने की उम्मीद जताई है।
Uttarakhand | Uttarkashi Tunnel accident: Relief and rescue work is going on in the Silkyara Tunnel. Due to natural obstacles, the speed of drilling is slow. Today efforts are being made by the central agencies with the help of the Air Force, to bring heavy auger drilling… pic.twitter.com/faszlBms02
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2023
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुरंग के भीतर फँसे मजदूरों को खाना-पानी भी एक पाइप के जरिये से पहुँचाया जा रहा है। उन्हें इसी पाइप के माध्यम से ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जा रही है। घटनास्थल पर NDRF, SDRF और राज्य पुलिस समेत अन्य टीमें रेस्क्यू अभियान में जुटी हुई है।
#WATCH | Uttarakhand | Uttarkashi Tunnel accident: Early morning visuals from Silkyara Tunnel where rescue and relief operations are underway to rescue 40 trapped labourers. pic.twitter.com/nweXfTsy1O
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 15, 2023
विशेषज्ञों ने उम्मीद जताई है, कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो मजदूर आज बाहर आ जाएँगे। घटना पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय भी राज्य सरकार से लगातार जानकारी ले रहा है। जानकारी के अनुसार, सुरंग के अंदर फँसे श्रमिकों में 15 झारखंड, 8 उत्तर प्रदेश, 5 ओडिशा, 4 बिहार और 2-2 मजदूर उत्तराखंड तथा असम के हैं। एक मजदूर हिमाचल का भी है। झारखंड ने अपने अफसरों की एक टीम भी घटनास्थल पर भेजी है।
बता दें, निर्माणाधीन सुरंग आलवेदर रोड परियोजना के अंतर्गत बन रही है। इस प्रोजेक्ट की यह सबसे लंबी सुरंग लगभग साढ़े चार किलोमीटर की है। इस सुरंग का लगभग 4 किलोमीटर तक का निर्माण हो गया है। सुरंग के निर्माण में करीब 1000 मजदूर दिन-रात जुटे रहते हैं। वे अलग-अलग शिफ्ट में काम कर रहे है, क्योंकि फरवरी 2024 तक इसकी खुदाई पूरी करने का लक्ष्य तय किया गया है।