शनिवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा अमावस्या के अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार स्थित नारायणी शिला मंदिर में अपने पितरों की नियमित पूजा के लिए पहुंचे। इस मौके पर सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, कि वह प्रत्येक वर्ष अमावस्या के दिन प्राचीन नारायणी शिला मंदिर आने की कोशिश करते, आज भी वह अमावस्या के मौके पर अपने पितरों के नियमित प्राचीन नारायणी शिला मंदिर में पूजा पाठ श्राद्ध के लिए आए है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा ने पितृ पक्ष के अंतिम दिन हरिद्वार के नारायणी शिला मंदिर में पितरों के लिए पूजा-अर्चना करने के बाद कहा, कि ऐसी मान्यता है कि पितृ पक्ष में अपने पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष मिलता है साथ ही पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है। उन्होंने कहा, कि मंदिर में पूजा-पाठ करके मन बहुत प्रसन्न हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, कि सनातन कभी खत्म नहीं हो सकता। इस दौरान उन्होंने सनातन धर्म पर हो रही लगातार बयानबाजी पर कहा, कि कुछ लोग चाहते हैं, कि सनातन और सनातन से जुड़ी परंपराएं इस देश में खत्म हो जाए, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि जब वह लोग भी नहीं थे, तब से सनातन धर्म था।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, कि करीब 5000 साल पूर्व से सनातन धर्म और उससे जुड़ी परंपराएं चलती आ रही है। सनातन धर्म की परंपराएं आगे भी इसी तरह चलती रहेगी। वहीं गठबंधन द्वारा की जा रही बयानबाजी पर उन्होंने कहा, कि यह जो गठबंधन के लोग सनातन धर्म पर बयानबाजी कर रहे है, यह पाप का कार्य कर रहे है और इस पाप के लिए भारत के लोग उन्हें 2024 में जवाब देंगे।
वहीं धर्मनगरी हरिद्वार के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा शनिवार को मिर्जापुर स्थित माता विंध्यवासिनी के धाम पहुंचे। इस अवसर पर उन्होंने माता रानी की विधिवत पूजा अर्चना की। धाम में दर्शन पूजन के बाद सीएम हिमंता ने कहा, कि फिलिस्तीन के समर्थन में जो भी सड़कों पर उतरता है, उसे सड़क से ले जाकर जेल भेज देना चाहिए। उन्होंने कहा, कि इस पर बात करने से कोई फायदा नहीं है। सड़क पर उतरना उनका अधिकार है, जबकि जेल में डालना मेरा अधिकार है।