उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिवस पर भी शुक्रवार (8 सितंबर 2023) को सदन में विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठने पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने कड़ा संज्ञान लिया है। विधानसभा अध्यक्ष ने निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रति आला अधिकारियों के उपेक्षापूर्ण रवैये पर बेहद कठोर टिप्पणी करते हुए प्रशासनिक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के रवैये में बदलाव के लिए उनके प्रशिक्षण में सुधार की आवश्यकता जताई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में बार-बार विशेषाधिकार हनन का मसला उठने पर कहा, कि विधायक निर्वाचित जनप्रतिनिधि है। उनके प्रोटोकाल को ताक पर नहीं रखा जा सकता। उत्तराखंड जैसी संस्कारों की धरती पर, जहां देवता निवास करते है, एक-दूसरे को सम्मान नहीं देना बहुत ही निराशाजनक एवं शर्मनाक है। विधानसभा की ओर से इस संबंध में प्रशिक्षण संस्थानों को पत्र भेजा जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी,”मानसून सत्र के दौरान माननीय विधायक गणों की शिकायत पर मुख्य सचिव को विधानसभा भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बुलाकर अधिकारियों के व्यवहार को लेकर कड़े शब्दो मे निर्देश जारी किए।”
मानसून सत्र के दौरान माननीय विधायक गणों की शिकायत पर मुख्य सचिव को विधानसभा भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में बुलाकर अधिकारियों के व्यवहार को लेकर कड़े शब्दो मे निर्देश जारी किए। pic.twitter.com/nj6zHlfIO2
— Ritu Khanduri Bhushan (@RituKhanduriBJP) September 8, 2023
रिपोर्ट्स के अनुसार, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, कि लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी मसूरी, डा आरएस टोलिया उत्तराखंड प्रशासन अकादमी, नैनीताल समेत अधिकारियों एवं अभियंताओं के प्रशिक्षण से जुड़े संस्थानों को पत्र भेजे जाएंगे, ताकि उन्हें प्रोटोकाल का पालन करने के बारे में भी प्रशिक्षण मिल सके।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और प्रीतम सिंह ने प्रोटोकाल के पालन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उठाये गए निर्देशों का स्वागत किया। वहीं इससे पहले कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखते हुए पीएमजीएसवाइ के मुख्य अभियंता आरपी सिंह के रवैये पर कड़ी आपत्ति दर्ज की। उन्होंने पिछले महीने अगस्त की 25 व 26 तारीख को फोन काल का ब्योरा सदन के पटल पर रखा।