बद्रीनाथ, केदारनाथ समेत चारधाम दर्शन के लिए बुकिंग तीन जून तक की पूर्ण रूप से फुल हो चुकी है। इसके बाद चारधामों में तीन जून से पहले के लिए अब रजिट्रेशन नहीं किया जा सकेगा। आपातकालीन स्थिति के मद्देनजर पुलिस की ओर से कराई जा रहे सीमित पंजीकरण को भी पूरी तरह बंद कर दिया गया है। बुकिंग फुल हो जाने के बाद चारधाम यात्रा के इच्छुक श्रद्धालु पर्यटन विभाग के पोर्टल पर आगे की बुकिंग के लिए स्लॉट चैक कर सकते है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगातार दूसरे दिन सोनप्रयाग से पूर्वाह्न 11.30 बजे के बाद लगभग 13965 श्रद्धालु केदारनाथ धाम नहीं भेजे गए। तय संख्या से अधिक तीर्थ यात्रियों की भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने यह फैसला लिया है। इसके बाद भी सोनप्रयाग में यात्रियों की काफी भीड़ रही, लेकिन एक दिन के लिहाज केदारनाथ के लिए निर्धारित संख्या पूरी होने के बाद तीर्थ यात्रियों को रोक दिया गया है। इससे पहले 13965 श्रद्धालुओं को केदारनाथ के लिए रवाना किया गया। पूरे दिनभर गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग और केदार धाम में भी श्रद्धालुओं की आवाजाही बनी रही।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने शनिवार को पर्यटन निदेशालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, कि चारधाम यात्रा के दौरान कुछ यात्रियों के फर्जी पंजीकरण कराकर आने की खबर है। पर्यटन सचिव ने कहा, कि पुलिस को यात्रा पर आने वाले लोगों के पंजीकरण की जांच बढ़ाने के साथ ही ऐसा करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने कहा, कि ऐसा करने वालों के साथ साइबर कैफे और अन्य सहयोग करने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पर्यटन सचिव ने कहा, कि फर्जी पंजीकरण के अभी तक 80 के लगभग मामले पुलिस के सामने आ चुके है, और ऐसे लोगों को आगे बढ़ने से रोकने के साथ ही पूछताछ भी की जा रही है। वहीं केदारनाथ में शासन स्तर पर निर्धारित संख्या में ही तीर्थयात्री दर्शनों को पहुंचे, इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयास में जुटा है। इसी के अंतर्गत शनिवार सुबह दस बजे बाद यात्रियों को केदारनाथ धाम जाने की अनुमति नहीं दी गई। सुबह दस बजे तक 3600 घोड़े-खच्चर केदारनाथ रवाना हो चुके थे। इसके बाद घोड़े खच्चरों को जाने की मंजूरी ना देने पर पशु पालकों ने नाराजगी व्यक्त की है।