बनभूलपुरा हिंसा के मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक के गिरफ्त में आने के बाद अब उसके बेटे अब्दुल मोईद को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है। उत्तराखंड पुलिस ने आरोपी मोईद को दिल्ली से दबोचा है। उसकी लोकेशन के बारे में अब्दुल मलिक ने पूछताछ के दौरान कुछ जानकारियां दी थी। पुलिस की कई टीमें उसके बताये ठिकानों पर दबिश दे रही थी। इसके बाद पुलिस ने मोईद को दिल्ली से पकड़ लिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक का फरार बेटा वांटेड लिस्ट में 8वें नंबर पर था। नैनीताल के एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने मीडियाकर्मियों को बताया, कि बनभूलपुरा हिंसा से जुड़े उपद्रवियों की गिरफ्तारी के लिए छह पुलिस टीमें गठित की गई, जो देश के अलग-अलग राज्यों- गुजरात, दिल्ली, मुंबई-महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि सभी संभावित स्थानों पर लगातार दबिश दे रही है।
#WATCH | On Banphoolpura violence case, SSP Nainital, Prahlad Meena says, "Nainital Police have arrested one absconding accused Abdul Moeed from Delhi in the case."
Till now, a total of 84 accused have been arrested in the case. pic.twitter.com/7sFpeiDVjs
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 29, 2024
उन्होंने बताया, कि उक्त गठित टीमों में से एक टीम को बड़ी सफलता हासिल हुई है। इस टीम ने हल्द्वानी दंगे में वांछित अभियुक्त अब्दुल मोईद को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। अब्दुल मोईद लगातार 21 दिनों तक पुलिस को चकमा देता रहा था, लेकिन अब वो पुलिस की गिरफ्त में है।
हल्द्वानी हिंसा के मुख्य आरोपित अब्दुल मलिक को 24 फरवरी 2024 को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। नैनीताल पुलिस की टीम ने सूचना के आधार पर उसकी गिरफ्तारी की थी। अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी के बाद उसे हल्द्वानी लाया गया था। वहाँ उससे लगातार पूछताछ की जा रही है। उसे कोर्ट ने पुलिस हिरासत में भेजा है, जिसके बाद से उससे जानकारियाँ निकाली जा रही है। बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक से 150 से अधिक सवाल पूछे जा चुके हैं।
बता दें, कि 8 फरवरी को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में सरकारी भूमि पर बने अवैध मस्जिद और मदरसे को हटाने पहुँची नगर निगम की टीम और पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला हुआ था। इस हिंसा में अब्दुल मलिक उसके बेटे अब्दुल मोईद की भूमिका सामने आई थी। आरोपियों पर उपद्रवियों को भड़काने का आरोप है। पथराव में सिटी मजिस्ट्रेट, शहर कोतवाल समेत 300 से अधिक पुलिसकर्मी और निगमकर्मी घायल हो गए थे।
उपद्रवियों ने बनभूलपुरा थाना भी फूँक दिया और चुन-चुनकर पुलिस की जीप, जेसीबी, दमकल की गाड़ी पुलिसकर्मियों और मीडियाकर्मियों के दोपहिया समेत 70 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया था उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए दंगाइयों को देखते पैर में गोली मारने के आदेश दिए थे। इसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगाकर हिंसा की घटनाओं पर काबू पाया गया था।
हल्द्वानी हिंसा में करोड़ों की सरकारी और निजी संपत्ति को भी नुकसान पहुंचा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, हल्द्वानी हिंसा मामले में पुलिस की ओर से दर्ज किए गए केस में अब तक लगभग 84 से अधिक आरोपितों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। हल्द्वानी हिंसा मामले के बाद से पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सभी नामजद आरोपित करीब-करीब पकड़े जा चुके हैं।