लगभग 15 दिनों से लापता चल रहे वन क्षेत्राधिकारी हरीश चंद्र पांडे के परिजनों का सबसे बुरा सपना दुर्भाग्य से सच हो गया। भीमताल झील के किनारे से बधुवार (13 दिसंबर 2023) की सुबह 55 वर्षीय हरीश चंद्र पांडे की लाश संदिग्ध हालात में बरामद हुई है। पुलिस ने शव की शिनाख्त जेब से मिली फोटो और दस्तावेज के आधार पर की है। सूचना मिलने पर मृतक के बेटे हिताद्र पांडे अपने रिश्तेदारों के साथ पहुंचे। परिजनों ने उनके साथ अनहोनी होने की आशंका जताई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वन क्षेत्राधिकारी हरीश चंद्र पांडे का शव भीमताल से हल्द्वानी जाने वाले मार्ग के पास स्थित झील में मिला है। जहां पशु अस्पताल के पास सवेरे स्थानीय लोगों ने बोट स्टैंड के पास एक शव तैरता देखा। पुलिस ने स्थानीय लोगों की सहायता से शव को बाहर निकाला। शव से मिले पर्स में रेंजर हरीश चंद्र पांडे की फोटो, बिल और कुछ रुपये मिले। शव को भीमताल अस्पताल में रखा गया है।
हल्द्वानी (#Haldwani) लालकुआं- तराई केंद्रीय वन प्रभाग से बीते 15 दिनों से लापता हुए रेंजर हरीश चंद्र पांडे का शव बुधवार को भीमताल झील में मिला है।
उनके परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस की टीम रेंजर की तलाश में जुटी।
पुलिस ने शव को कब्जे में… pic.twitter.com/7RekfdbBB5
— IANS Hindi (@IANSKhabar) December 13, 2023
मृतक हरीश चंद्र पांडे के बेटे हिताद्र ने अपने पिता की मौत के लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों पर आरोप लगाए है। बेटे ने बताया, कि उनके पिता को पेड़ काटने के मामले में झूठा फंसाया जा रहा था। जिसके बाद से वह 29 नवंबर से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे। पिता कई दिनों से लापता थे, लेकिन पुलिस की ओर से भी उनकी खोजबीन के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उनके पिता की लोकेशन भीमताल में मिली थी।
हिताद्र ने ये भी कहा, कि डीएफओ और एसडीओ से जब पिता की खोजबीन के लिए मिलने गए, तो उन्होंने उनसे मुलाकात तक नहीं की। उन्होंने कहा, कि ईमानदारी के चलते उनके पिता की जान गई है। वहीं पुलिस ने बताया कि शव तीन दिन पुराना लग रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। रेंजर हरीश चंद्र पांडे तराई केंद्रीय वन प्रभाग के रुद्रपुर डिवजीन में वन क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात थे।