राज्य के पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू समेत आठ लोगो के विरुद्ध राजपुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। उन पर रिजर्व फॉरेस्ट की भूमि कब्जाने और पेड़ कटवाने के गंभीर आरोप है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, डीएफओ मसूरी आशुतोष की ओर से यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद बीएस सिद्धू के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, सिद्धू ने साल 2012 में मसूरी वन प्रभाग में वीर गिरवाली गांव में 1.5 हेक्टेयर भूमि की खरीद फरोख्त की थी। इस भूमि पर मार्च 2013 में साल के 250 पेड़ काट लिए गए। पेड़ो के कटान की सूचना मिलने पर वन विभाग ने इस प्रकरण की जांच पड़ताल कराई, तो ज्ञात हुआ, कि संबंधित पेड़ जिस भूमि पर थे, वह जमीन रिजर्व फॉरेस्ट की है।
Uttarakhand Police has registered an FIR against eight people including former state DGP BS Sidhu for alleged illegal purchase of reserved forest land in 2012 and the felling of 25 Sal trees in the Rajpur area of Dehradun.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 25, 2022
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,बीएस सिद्धू ने अवैध तरीके से जमीन खरीदी, और साल के पेड़ भी काट दिए। इस प्रकरण में वन विभाग ने सिद्धू के खिलाफ जुर्माना काटा था। इसके बाद जमीन की सिद्धू के नाम की गई रजिस्ट्री भी कैंसिल कर दी गई। इस मामले में कुछ समय पूर्व ही वन विभाग ने सिद्धू पर रिजर्व फारेस्ट में भूमि कब्जाने और पेड़ कटान के आरोप में आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज करवाने की मंजूरी शासन से मांगी थी।
वन सचिव विजय कुमार यादव द्वारा बीएस सिद्धू के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाने की अनुमति दे दी गई है। प्रशासन ने पीसीसीएफ को इस मामले में कार्रवाई के लिए लिखा। इसके बाद उन्होंने डीएफओ मसूरी को पूरे प्रकरण में कार्रवाई के आदेश दिए। डीएफओ मसूरी आशुतोष ने बताया, कि पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन का पत्र मिल गया था।
वही इस मामले में पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू ने कहा, कि मेरे विरुद्ध वन विभाग जुर्माना काटने की कार्रवाई कर चुका है। जो गलत थी। इस मामले में जिला न्यायालय ने मेरे खिलाफ आईपीसी में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति को खारिज कर दिया है। ऐसे में शासन ने यदि मेरे खिलाफ मुकदमें की मंजूरी दी है, तो वो गलत है। इसके खिलाफ मैं आगे कानूनी कार्रवाई करूंगा।