मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार (18 अक्टूबर 2023) को अबू धाबी स्थित बीएपीएस (BAPS) द्वारा निर्माणाधीन हिंदू मंदिर का दौरा किया। संयुक्त अरब अमीरात के पहले पारंपरिक हिंदू मंदिर की भव्य निर्माण शैली की प्रशंसा करते हुए सीएम धामी ने कहा, “आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज विश्व में सनातन संस्कृति को नई पहचान मिल रही है।”
न्यूज एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अबू धाबी में BAPS द्वारा निर्माणाधीन हिंदू मंदिर का दौरा किया। इस अवसर सीएम धामी ने मंदिर में ईंटें रखकर मंदिर निर्माण में सहयोग किया।
#WATCH | UAE: Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami visits the Hindu temple under construction by BAPS in Abu Dhabi. He offered 'sewa' by putting bricks. pic.twitter.com/uwLot2yhCL
— ANI (@ANI) October 18, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट के माध्यम से लिखा, “आबूधाबी (UAE) में निर्माणाधीन BAPS हिन्दू मन्दिर में कारसेवा की। निश्चित तौर पर यह ‘हिन्दू मन्दिर’ सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों, सद्भाव और सनातन संस्कृति की परंपराओं को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा। आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज विश्व में सनातन संस्कृति को नई पहचान मिल रही है। इस भव्य मन्दिर के निर्माण हेतु समर्पित कारसेवकों को सादर नमन !”
आबूधाबी (UAE) में निर्माणाधीन BAPS हिन्दू मन्दिर में कारसेवा की। निश्चित तौर पर यह 'हिन्दू मन्दिर' सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों, सद्भाव और सनातन संस्कृति की परंपराओं को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगा।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में आज विश्व में सनातन… pic.twitter.com/vke86rjdfl
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 18, 2023
बता दें, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में निर्माणाधीन भव्य हिंदू मंदिर का उद्घाटन 15 फरवरी 2024 को होना प्रस्तावित है। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा अबू धाबी में 45 करोड़ दिरहम (करीब 888 करोड़ रुपये) की लागत से इस भव्य मंदिर का निर्माण किया किया जा रहा है। अबू धाबी के अबू मुरेईखाह स्थित यह हिंदू मंदिर 27 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है।
उल्लेखनीय है, कि दुबई में निर्माणाधीन हिंदू मंदिर के लिए अधिकतर पत्थर तराशने का कार्य भारत में राजस्थान और गुजरात के संगतराशों द्वारा किया गया है। कुशल श्रमिकों के हाथों से तराशे गए इन पत्थरों में भारत की समृद्ध संस्कृति और प्राचीन इतिहास की झलक दिखने के साथ अरब प्रतीकों को भी चित्रित किया गया है। इसमें रामायण, महाभारत समेत सनातन इतिहास से जुड़े प्रसंगों के चित्र और मूर्तियां होंगी। मंदिर का निर्माण प्राचीन हिंदू शिल्प शास्त्रों को केंद्र में रख किया जा रहा है।