मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड में लगातार बढ़ती वनाग्नि की घटनाओं को लेकर एक्शन मोड में आ गए है। सीएम धामी ने बुधवार (8 मई 2024) को सचिवालय में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में वनाग्नि नियंत्रण के संबंध में पूर्व में दिए गए निर्देशों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 17 अधिकारियों/कार्मिकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की।
समाचार एजेंसी एएनआई की एक्स पोस्ट के अनुसार, उत्तराखंड वन विभाग ने जंगल की आग पर काबू पाने में लापरवाही बरतने पर 17 कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करते हुए 17 कर्मचारियों में से 11 को निलंबित कर दिया गया है।
Uttarakhand Forest Department has taken strict action against 17 employees for negligence in controlling forest fires. Out of the 17 employees, 11 have been suspended. pic.twitter.com/f2DNTYAVqV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 8, 2024
सीएम धामी ने कहा, प्रदेश सरकार जंगल में आग लगाने वाले अराजक तत्वों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा, वन विभाग एवं स्थानीय निवासियों के सहयोग से काफी हद तक वनाग्नि पर काबू पाया जा चुका है और जल्द ही हम जंगल की आग को पूरी तरह बुझाने में कामयाब होंगे।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने फायर स्टेशनों पर वनाग्नि की सूचनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने और इसकी तत्काल सूचना डीएफओ, सीसीएफ,पीसीसीएफ के कंट्रोल रूम में दिए जाने की व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। सीएम धामी ने जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल को एकत्रित करने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन को शुरू करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
सीएम धामी ने कहा, सेना की सहायता लेने के साथ ही अधिकारियों को भी ग्राउंड जीरो पर जाकर आग पर नियंत्रण पाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा, कि जंगल की आग हमारे लिए बड़ी चुनौती है। आग बुझाने के लिए सभी विकल्प पर हम काम कर रहे है।
बता दें, उत्तराखंड में बढ़ती वनाग्नि को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार उच्च अधिकारियों के संपर्क में बने हुए है। सीएम धामी निरंतर बैठकें कर जिलों में वनाग्नि पर फीडबैक लेने के साथ ही संबंधित अधिकारियों और कार्मिकों को आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी कर रहे है। वहीं पौड़ी और नैनीताल जिलों में वनाग्नि नियंत्रण के लिए वायु सेना की सहायता लेकर हेलीकॉप्टरों से आग प्रभावित इलाकों में पानी बरसाया जा रहा है।