उत्तराखंड में बीते कुछ दिनों के भीतर हुई एक के बाद एक बड़ी हिंसक वारदात को अंजाम देकर बदमाशों ने पुलिस विभाग को खुली चुनौती दे डाली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपराधिक घटनाओं पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पुलिस महानिदेशक को इन वारदातों के जल्द खुलासे के निर्देश दिए है। सीएम धामी ने कहा, कि अपराधों पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार बेहद सख्त है। किसी भी दशा में बदमाशों को ना छोड़ा जाये।
मुख्यमंत्री धामी के आदेश पर डीजीपी ने देहरादून (डोईवाला) में डकैती, हरिद्वार में पुलिस पर फायरिंग और ऊधमसिंह नगर के काशीपुर में खनन व्यवसायी की हत्या का तीन दिन में खुलासा करने का अल्टीमेटम दिए है। डीजीपी ने कहा, कि तीन दिनों में आपराधिक घटनाओं का खुलासा नहीं होने पर संबंधित सीओ और थाना प्रभारी को हटाया जाएगा।
विगत दिनों हुई कतिपय आपराधिक घटनाओं का मा. मुख्यमंत्री जी ने लिया संज्ञान।
श्री @AshokKumar_IPS DGP Sir ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को काशीपुर में खनन कारोबारी की हत्या, डोईवाला में हुई डकैती एवं हरिद्वार में पुलिसकर्मियों पर हुई फायरिंग के खुलासे हेतु 03 दिन का दिया अल्टीमेटम। pic.twitter.com/3QpErXCsO3
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) October 16, 2022
डीजीपी ने बताया, कि संबंधित जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भी घटनाओं के जल्द पर्दाफाश ना होने की दशा में अपराध नियंत्रण में नाकाम माना जाएगा। बता दें, बीता गुजरा सप्ताह पुलिस के लिए बेहद चुनौती पूर्ण रहा है। ऊधमसिंह नगर में अखबार पढ़ते हुए एक खनन कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कानून व्यवस्था में इस तरह की लापरवाही पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी खासे नाराज हुए और एसएसपी ऊधमसिंह नगर को तलब किया था।
अभी तक ये मामला ठंडा भी नहीं हुआ था, कि बदमाशों ने देहरादून पुलिस को चुनौती दे डाली। बीते शनिवार को डोईवाला में दिनदहाड़े बाजार के पास कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के भाई के यहां छह हथियारबंद बदमाशों ने डकैती को अंजाम दिया। पुलिस ने घटनाओं के खुलासे के लिए टीमें गठित की और दबिश के दावे किए। इसी बीच रविवार को हरिद्वार के लक्सर में पुलिस पार्टी पर फायरिंग हो गई।
उल्लेखनीय है, कि शांत समझी जाने वाली देवभूमि उत्तराखंड की भूमि बीते कुछ वक्त से ताबड़तोड़ हिंसक आपराधिक वारदातों के चलते दहल उठी है। कुमाऊं मंडल से लेकर गढ़वाल मंडल और तराई तक कुख्यात बदमाश बेखौफ घूम रहे है। सुनसान जगह हो या चहल-पहल वाली सड़क, अपराधी पुलिस के लिए हर जगह चुनौती खड़ी कर रहे है।
इन हालातों में उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे है। अंकिता हत्याकांड के बाद शुरू हुआ संगीन हिंसक अपराधों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। अंकिता हत्याकांड राजस्व क्षेत्र में होने के चलते प्रदेश सरकार अब राजस्व क्षेत्र भी रैग्यूलर पुलिस को सौंपने जा रही है। पिछली कैबिनेट बैठक में छह नए थाने और 20 नई पुलिस चौकियां खोलने पर मुहर भी लग चुकी है।