प्रदेश सरकार ने पर्यटन क्षेत्र में स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ाने के प्रयासों के तहत लोकप्रिय स्थलों पर सौंदर्य और स्वच्छता मानकों को बढ़ाने के लिए स्वच्छता ग्रीन लीफ रेटिंग नामक पहल शुरू की है। इसी क्रम में राज्य में संचालित सभी होटलों और होम स्टे को ग्रीन लीफ रेटिंग दी जाएगी और सार्वजनिक और वाणिज्यिक स्थलों पर बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रदेश में स्वच्छता और पर्यावरण सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रभावी कार्रवाई की योजना बनाई है। उन्होंने स्वच्छता ही सेवा अभियान को सफल बनाने के लिए जनभागीदारी और जागरूकता पर जोर दिया साथ ही सार्वजनिक और वाणिज्यिक स्थलों पर विशेष स्वच्छता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सफाई मित्रों की स्वास्थ्य जांच को अनिवार्य करते हुए सिंगल विंडो कैंप लगाने की सलाह दी और स्वयं सहायता समूहों और एनजीओ को अभियान में शामिल करने के आदेश भी दिए।
मुख्य सचिव ने मलबे की समस्या को हल करने के लिए चारधाम मार्ग पर डंपिंग जोन के लिए उपयुक्त स्थानों के चयन की बात की। उन्होंने सचिव पेयजल और जिलाधिकारियों को सभी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) की जांच और निरीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए और यह सुनिश्चित करने को कहा, कि सभी एसटीपी को ड्रेनेज सिस्टम से जोड़ने की पुख्ता व्यवस्था की जाए।
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सफाई मित्रों के लिए हेल्थ कैंप लगाने का निर्देश दिया गया है। जिसमें स्वास्थ्य सेवाओं, जांच, उपचार और अन्य संबंधित विभागों की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा राज्य में सभी वाहनों में गारबेज बैग लगाने की व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए परिवहन और पुलिस विभाग के साथ उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को चेकिंग अभियान चलाने के लिए कहा है।
उन्होंने बताया, राष्ट्रव्यापी स्वच्छता पहल के तहत स्वच्छता सेवा अभियान 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलेगा। अभियान की थीम ‘स्वभाव स्वच्छता-संस्कार स्वच्छता’ है, जिसमें जनभागीदारी, स्वच्छता प्राप्त करना, सफाई मित्रों, सफाई कर्मचारियों और अन्य हितधारकों की भूमिका प्रमुख होगी।