उत्तराखंड राज्य में धूप और बादलों की आंख-मिचौनी के बीच तीव्र बौछार का क्रम जारी है। हालांकि, कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ भारी वर्षा भी दर्ज की जा रही है, लेकिन बीते तीन दिनों से प्रदेश में वर्षा सामान्य से कम हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में प्रदेशभर के अधिकांश इलाकों में तेज बारिश की संभावना है, जिससे नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह ने 10 अगस्त तक राज्यभर के अधिकांश जनपदों में भारी बारिश की संभावना जताई है। वहीं 7 अगस्त के बाद कई जिलों में बारिश बढ़ सकती है। उन्होंने इस दौरान उन्होंने पहाड़ की यात्रा करने वाले लोगों से विशेष सावधानी बरतने की भी अपील की है। मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक ऐसे ही मौसम बने रहने का अनुमान जताया है।
उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने बागेश्वर जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि देहरादून, पिथौरागढ़, नैनीताल और चंपावत जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है, कि आने वाले दिनों में प्रदेशभर में अधिकतर इलाकों में तेज बारिश हो सकती है, जिससे पर्वतीय जिलों के संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन का खतरा है।
वहीं राजधानी देहरादून में सुबह चटख धूप खिलने के बाद शाम को हुई करीब एक घंटे की वर्षा से कई क्षेत्रों में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया। नालापानी, ननूरखेड़ा क्षेत्र में जंगल की ओर से भारी मात्रा में आए बरसाती पानी से सड़कों पर बाढ़ आ गई। जिससे आवाजाही काफी देर तक प्रभावित रही। इसके साथ ही घरों-दुकानों में भी पानी व मलबा घुस गया। साथ ही क्षेत्र के नदी-नालों में भी भारी उफान आ गया।
मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बन रही है। गुरुवार को खासकर कुमाऊं के बागेश्वर जिले में भारी से भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, पहाड़ों में हो रही बरसात की वजह से सॉइल की वाटर होल्डिंग कैपेसिटी सैचुरेशन पर पहुंच गई है, इसलिए आने वाले समय में पर्वतीय जिलों में बरसात से भूस्खलन या फ्लैश फ्लड की घटनाएं बढ़ सकती है।