मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार (14 मई 2023) को देहरादून स्थित दून विश्वविद्यालय में केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे की उपस्थिति में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ का शुभारंभ करते हुए होम्योपैथिक चिकित्सा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री को लॉच किया। इस अवसर पर होम्योपैथी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे चिकित्सकों को सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में हमारी डबल इंजन सरकार प्रदेश में आयुष विभाग के माध्यम से होम्योपैथी को बढ़ावा देते हुए व्यापक स्तर पर इसके प्रचार-प्रसार हेतु धरातल पर कार्य कर रही है। सीएम धामी ने होम्योपैथी के जनक सैमुअल क्रिश्चियन हैनिमैन का स्मरण करते हुए कहा, कि उन्होंने होम्योपैथी के रूप में एक ऐसी उपचार पद्धति विकसित की, जो अत्यंत कारगर होने के साथ-साथ किफायती भी थी।
आज दून विश्वविद्यालय, देहरादून में केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री @AshwiniKChoubey जी के साथ राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ का शुभारंभ करते हुए होम्योपैथिक चिकित्सा पर आधारित डॉक्यूमेंट्री को लॉच किया। इस अवसर पर होम्योपैथी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहे… pic.twitter.com/TQl6Se9YEo
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 14, 2023
देहरादून में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि शरीर ही सारे कर्तव्यों को पूर्ण करने का एकमात्र साधन है। शरीर की रक्षा करना और उसे निरोगी बनाये रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। यदि मनुष्य निरोगी होगा, तो वह जीवन में सब कुछ कर सकता है। वर्तमान समय में जीवन शैली में तेजी से परिवर्तन हो रहा है, ऐसे में और भी अधिक जरुरी हो जाता है, कि हम अपने शरीर का जितना हो सके उतना ख्याल रखें।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के अथक प्रयासों के कारण ही आज योग, आयुर्वेद और होम्योपैथी पद्धति समेत प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धतियां अपना विलुप्त होता वैभव पुनः प्राप्त कर रही है। इस क्रम चाहे आयुष मंत्रालय का गठन हो या फिर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन हो। उन्होंने कहा, कि प्रधानमंत्री जी की दूरदृष्टि के कारण ही आज पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को लोग अपना रहे है।
सीएम धामी ने कहा, कि भारत में पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2014 में पृथक से आयुष मंत्रालय का गठन किया था। राज्य सरकार प्रदेश में आयुष चिकित्सा को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा होम्योपैथी को दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी प्रचलित चिकित्सा पद्धति माना गया है।
उन्होंने कहा, कि हम सभी ने कोरोना काल में होम्योपैथी की दवाइयों समेत पारंपरिक चिकित्सा के महत्व को बहुत नजदीक से देखा है, जिसके बाद होम्योपैथी की दुनियाभर में स्वीकार्यता बड़ी है। इन सुखद परिणामों के चलते ही नई स्वास्थ्य नीति में होम्योपैथी को एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थान मिला है। सीएम धामी ने कहा, कि राज्य सरकार देवभूमि को एक महत्वपूर्ण आयुष प्रदेश के रूप में स्थापित करने हेतु कृत संकल्पित है।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा, कि उत्तराखंड में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य ने होम्योपैथी और आयुष को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा, कि होम्योपैथी जटिलतम रोगों के निदान का एक कारगर उपाय है। देवभूमि उत्तराखण्ड आयुष की प्रेरक रही है। होम्योपैथी हमारी परंपरागत चिकित्सा पद्धति रही है। उन्होंने कहा, कि आयुष और योग के क्षेत्र में भी भारत की वैश्विक स्तर पर अलग पहचान है।
राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ के शुभारंभ कार्यक्रम के अवसर पर सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, निदेशक होम्योपैथिक डॉ. जे.एल. फिरमाल, डॉ. रामजी सिंह, डॉ. नितीष दुबे, डॉ. जसवंत पाटिल समेत अन्य होम्योपैथी से जुड़े चिकित्सक मौजूद रहे।