देवभूमि उत्तराखंड राज्य को वर्ष 2025 तक राष्ट्र के अग्रणी प्रदेशों में शुमार करने के लिए धामी सरकार द्वारा मंगलवार (22 नवंबर 2022) को चिंतन शिविर शुरू किया गया। यह चिंतन शिविर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के सरदार पटेल सभागार में आयोजित हो रहा है। चिंतन शिविर का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, राज्य सरकार के सचिव, विभागाध्यक्ष समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। उल्लेखनीय है, कि प्रदेश के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए धामी सरकार का यह पहला चिंतन शिविर है।
LIVE: मसूरी में सशक्त उत्तराखण्ड @ 25 अन्तर्गत 'चिंतन शिविर' कार्यक्रम https://t.co/U9Y3tEiZ1f
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 22, 2022
चिंतन शिविर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा, कि चिंतन शिविर के मंथन से जो अमृत निकलेगा, उससे हमारा उत्तराखंड जरूर आगे बढ़ेगा। सीएम धामी ने कहा, इसके साथ ही हम सभी को चिंतन के साथ यह चिंता भी करनी होगी, कि हमारा उत्तराखंड श्रेष्ठ राज्य बने।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि वर्ष 2025 तक उत्तराखंड को राष्ट्र के अग्रणी राज्यों में शुमार करने के लिए राज्य सरकार तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, कि चिंतन शिविर में उत्तराखंड के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं को ध्यान में रखकर चर्चा की जाएगी, कि कैसे राज्य आगामी पांच से दस वर्ष में आगे बढे़ इसका रोडमैप तैयार किया जाएगा।
सीएम धामी ने आगे कहा, कि उत्तराखंड राज्य की अर्थव्यवस्था किस प्रकार आगे बढे़ और नागरिकों का जीवन स्तर ऊपर उठ सके, इसके लिए तेजी से राज्य सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, हमारे मंत्रियों और अधिकारियों का जगह-जगह प्रवास हो, दूर दराज के क्षेत्रों में सभी लोग प्रवास कर लोगों की समस्याओं का निदान हो।
Uttarakhand | We have given the mantra of simplification. We should think about how many departments have imbibed this mantra so far. This camp should not remain just a formality: CM Pushkar Singh Dhami at LBS National Academy of Administration in Mussoorie pic.twitter.com/PFxeEy6C5K
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 22, 2022
उन्होंने कहा, कि पुराने समय में विकास का मॉडल लखनऊ में बनकर तैयार होता था, और वहीं से सभी योजनाएं बनती थी, लेकिन वर्तमान में सिर्फ देहरादून में रहकर योजनाएं नहीं बने बल्कि सीमावर्ती क्षेत्र में बने और इसके लिए सभी की जवाबदेही निर्धारित की जाए। सीएम धामी ने कहा, कि सभी घोषणाएं सुनियोजित विकास एवं व्यवहारिकता को ध्यान में रख कर की जा रही है।
सीएम धामी ने कहा, कि कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में हमें अन्य प्रदेशों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीख कर कार्य करने की जरुरत है। उन्होंने कहा, कि राज्य हित में पहले की सरकारों द्वारा किए गए प्रत्येक अच्छे कार्य को आगे बढ़ाना हमारा दायित्व है और इसे हम निष्ठापूर्वक निभा रहे है। उन्होंने कहा, कि केंद्र सरकार के सहयोग से प्रत्येक जिला विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्र का विकास करना हमारी प्राथमिकता है।