देवभूमि उत्तराखंड में ‘थूक जिहाद’ और राज्य के मूल स्वरूप के साथ खिलवाड़ करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ मुख्यमंत्री धामी एक्शन में नजर आ रहे हैं। थूक जिहाद पर अंकुश लगाने के लिए सीएम धामी ने अधिकारियों को इस प्रकार के मामलों को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा, कि जरूरत पड़ने पर इसके लिए राज्य के मौजूदा कानून में कड़े प्रविधान जोड़ने के लिए परीक्षण करने के लिए भी निर्देशित किया है।
इसी बीच सीएम धामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से कहा है, “किसी भी पेय अथवा खाद्य पदार्थ में थूकने जैसे दुष्कृत्य करने वालों के लिए देवभूमि उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है, प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य व जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ये निर्देश दिए है, कि यदि कोई इस तरह का कुकृत्य करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”
किसी भी पेय अथवा खाद्य पदार्थ में थूकने जैसे दुष्कृत्य करने वालों के लिए देवभूमि उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है, प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य व जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए ये निर्देश दिए हैं कि यदि कोई इस तरह का कुकृत्य करते हुए पाया जाएगा तो उसके ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई की… pic.twitter.com/adkqcRSCFT
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 15, 2024
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, धामी सरकार नए प्रविधान शामिल करने पर संशोधित अध्यादेश ला सकती है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें, कि राज्य में पिछले कुछ वक्त में थूक जिहाद से जुड़े कई मामले सामने आ चुके हैं। इनमें खाद्य पदार्थों में थूकने की घिनौनी घटनाएं सामने आई है।
इन घटनाओं की बढ़ोतरी पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते मंगलवार (15 अक्टूबर 2024) को सीएम आवास में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव गृह शैलेश बगौली व पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार के साथ उच्च स्तरीय बैठक कर इन मामलों को गंभीरता से लेने और इस संबंध में उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी जनपदों व रेलवे के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर होटल व ढाबों आदि व्यावसायिक संस्थानों में खाद्य व पेय पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर रोक के लिए उचित कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश में कहा गया है, कि सभी होटल व ढाबों में कार्य करने वाले व्यक्तियों का शत-प्रतिशत सत्यापन किया जाए।
साथ ही इनके रसोईघरों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए व्यवसाय प्रबंधकों को प्रोत्साहित किया जाए। खोखा व रेहड़ी में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अभिसूचना ईकाई की मदद ली जाए। इसके अलावा गश्त एवं पेट्रोलिंग के वक्त भी इसका ध्यान रखा जाए। आवश्यकतानुसार खाद्य विभाग के सहयोग से होटल व ढाबों की आकस्मिक जांच की जाए।
इस प्रकार की गतिविधि पाए जाने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 274 (बिक्री के लिए खाद्य अथवा पेय पदार्थों में मिलावट) और 81 उत्तराखंड पुलिस एक्ट (मार्ग, गली अथवा सड़क पर ऐसा अपराध जिससे आमजन को असुविधा हो ) के अंतर्गत कार्रवाई की जाए।
यदि इस कृत्य से धार्मिक, मूलवंशीय, भाषायी आदि प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो, तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (1) (जातीय आधार पर घृणा अथवा बैर फैलाना) अथवा 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए किया गया कृत्य) के अंतर्गत कार्रवाई की जाए। गौरतलब है, कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दशहरे के अवसर पर दिए अपने बयान में संकेत दिया था, कि राज्य सरकार ‘थूक जिहाद’ जैसी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अध्यादेश ला सकती है।