सोमवार (2 अक्टूबर 2023) को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहे गोलीकांड की 29वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीर शहीद राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पृथक राज्य निर्माण हेतु अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर सीएम धामी ने कहा, हमारी सरकार राज्य आंदोलनकारियों के स्वप्न के अनुरूप राज्य के विकास के साथ-साथ उनके उत्थान हेतु संकल्पित है।
समाचार एजेंसी ANI/Uttarakhand की एक्स पोस्ट के अनुसार, “उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य गठन आंदोलन में अपना जीवन बलिदान करने वाले आंदोलनकारियों की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में श्रद्धांजलि दी।
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami participated in an event on the death anniversary of activists who participated in the state formation movement and paid tribute to them. pic.twitter.com/uXlESOOheD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 2, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पोर्टल एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी, “मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश में रामपुर तिराहा गोलीकांड की 29वीं बरसी पर वीर शहीद राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पृथक राज्य निर्माण हेतु अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश में रामपुर तिराहा गोलीकांड की 29वीं बरसी पर वीर शहीद राज्य आंदोलनकारियों की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होकर पृथक राज्य निर्माण हेतु अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
रामपुर तिराहा गोलीकांड उत्तराखण्ड… pic.twitter.com/FPA071X5pU
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) October 2, 2023
सीएम धामी ने कहा, “रामपुर तिराहा गोलीकांड उत्तराखण्ड राज्य आंदोलन का अत्यंत ही पीड़ादायक अध्याय है, तत्कालीन सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के विरुद्ध बर्बरता की सारी सीमाएं पार कर दी थी। आज पृथक राज्य उत्तराखण्ड यदि अपनी एक अलग पहचान बना रहा है तो इसके पीछे आंदोलनकारियों द्वारा दिया गया सर्वोच्च बलिदान एवं समर्पण ही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, ये धाम हमारे राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को समर्पित है। राज्य निर्माण आंदोलन का सबसे गहरा जख्म रामपुर तिराहा गोलीकांड था, जो कभी भरा नहीं जा सकता।” सीएम धामी ने कहा, “मैंने स्वयं खटीमा गोलीकांड को देखा है। वो बेहद दर्दनाक दृश्य था। हजारों आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाई गई। उस समय की तत्कालीन केंद्र और यूपी सरकार मौन होकर सब देखती रही।”
जानकारी के लिए बता दें, 1 अक्टूबर 1994 की रात और 2 अक्टूबर की सुबह तक राज्य आंदोलनकारी को मिले जख्मों को शायद ही उत्तराखंड के लोग कभी ना भूल पाए। उस दिन अलग राज्य की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे आंदोलनकारी युवाओं, बुजुर्ग और महिलाओं को पुलिस ने रास्ते में रोककर उनपर जमकर लाठियां बरसाई थी। महिलाओं से बदसलूकी की गई। पुलिस ने बर्बरता की सारी हदें पार करते हुए आंदोलनकारीयों को चुन-चुन कर रामपुर तिराहे पर अपनी गोलियों का निशाना बनाया था।