उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश के चलते दुश्वारियां कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में प्रदेश के अधिकांश जनपदों में कहीं-कहीं भारी तो कहीं मध्यम वर्षा की आशंका व्यक्त की है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, 23 और 24 अगस्त को टिहरी, देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है।
#WATCH | Dehradun: "There's an orange alert today in Dehradun, Tehri, Pauri, Haridwar, Nainital, Chamba and Udham Singh Nagar. From tomorrow there will be a red alert. The cumulative effect of rainfall will reflect. Tomorrow also the situation will be of heavy to very heavy… pic.twitter.com/GHVgsuJj5h
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 22, 2023
इसी बीच राज्य में अत्यधिक बारिश के अलर्ट के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से वापस लौटते ही सचिवालय स्थित राज्य आपदा आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर उच्च अधिकारियों से प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान का जायजा लिया। इस दौरान बीते सोमवार को नई टिहरी स्थित चंबा में मलबे में दबकर हुई पांच लोगों की मौत के मामले में भी जानकारी ली।
#WATCH | Dehradun: On Post Disaster Management, Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami says, "The monsoon is active and the weather department has given a red alert. We are in touch with the disaster management teams of all districts. We have asked them to be on alert.… pic.twitter.com/5hJfpbRJ9g
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 22, 2023
मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए, कि जनपदों में खाद्यान से संबंधित सभी वस्तुओं के साथ ही दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता रखी जाए। सीएम धामी ने कहा, कि आपदा प्रभावितों के लिए सरकार जल्द नई योजना लाएगी। उन्होंने कहा, कि अतिवृष्टि से बेघर हुए लोगों के लिए पुनर्वास एवं प्रशिक्षण व जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिए है, उनकी आगे की शिक्षा के लिए जल्द ही योजना लाई जााएगी।
सीएम धामी ने कहा, कि अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में आपदा की स्थिति है। सड़कों, पुलों, मकानों, फसलों, बिजली एवं पानी की लाइनों का भी काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में अतिवृष्टि से एक हजार करोड़ से भी अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है। भारत सरकार की टीम ने राज्य में हो रहे नुकसान का प्रारंभिक रूप में सर्वे भी किया है। आपदा से हो रहे नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार को पत्र भेजा जा रहा है।