उत्तराखंड में जंगल की आग भयावह हो गई है। शुष्क मौसम के चलते तेजी से फैल रही आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है। लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं के दृष्टिगत शनिवार (4 मई 2024) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल माध्यम से वन विभाग की कार्ययोजना की समीक्षा की। समीक्षा बैठक के दौरान देहरादून सचिवालय में शासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक में सीएम धामी ने अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स हैंडल (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी, “नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में वनाग्नि की रोकथाम हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए वर्चुअल रुप से जुड़े उच्चाधिकारियों को जल्द से जल्द वनाग्नि पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के साथ ही सभी वन प्रभागों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, डीएफओ व अन्य अधिकारी कार्यालय में बैठकर वनाग्नि पर काबू पाने के बजाय ग्राउंड जीरो पर काम करें।”
सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देशित किया, कि शीतलाखेत मॉडल या अन्य प्रभावी मैकेनिज्म को गंभीरता से अपनाकर दीर्घकालिक तौर पर कार्य किया जाए, जिससे स्थायी रुप से वनाग्नि पर नियंत्रण पाया जा सके। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “फायर वॉचरों का बीमा किए जाने हेतु भी सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा, वनाग्नि की घटनाओं में शामिल लोगों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
उत्तराखण्ड सदन, नई दिल्ली में वनाग्नि की रोकथाम हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए वर्चुअल रुप से जुड़े उच्चाधिकारियों को जल्द से जल्द वनाग्नि पर पूरी तरह नियंत्रण पाने के साथ ही सभी वन प्रभागों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त कर जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। DFO… pic.twitter.com/SkjNHHvf5v
— Pushkar Singh Dhami (Modi Ka Parivar) (@pushkardhami) May 4, 2024
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को पेजयल आपूर्ति के लिए बेहतर स्थायी व्यवस्था बनाने के साथ ही जल संरक्षण के लिए ब्लॉक स्तर पर कार्य करने और रेन वॉटर हार्वेस्टिंग हेतु निर्देश दिए। साथ ही पुराने तालाबों को पुनर्जीवित करने व पर्वतीय क्षेत्रों में पेयजल लाइनों को दुरुस्त करने हेतु निर्देशित किया।
सीएम धामी ने चारधाम यात्रा 2024 के संबंध में सड़कों को दुरुस्त करने के साथ ही यात्रा मार्गों पर विद्युत, पेयजल और स्वच्छता की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, कि देवभूमि उत्तराखंड से श्रद्धालुगण एक अच्छा संदेश लेकर जाए, यह हम सभी उत्तराखंडवासियों की जिम्मेदारी है।
बता दें,उत्तराखंड में जंगलो के झुलसने का सिलसिला जारी है। वन विभाग सेना के सहयोग से लगातार आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहा है। वहीं असामाजिक तत्व भी वन विभाग के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे है। इस सीजन में जंगल में आग लगाने वालों पर वन संरक्षण अधिनियम और वन अपराध के तहत 350 मुकदमे दर्ज कराये जा चुके है। जिनमें से 290 मुकदमे अज्ञात और 60 मुकदमे ज्ञात आरोपितों के विरुद्ध कराये गए है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते 24 घंटे के भीतर वनाग्नि की 64 घटनाएं सामने आई है। वहीं, सोमेश्वर के स्यूनराकोट के जंगल में लगी आग दो नेपाली परिवारों पर भारी पड़ी है। जंगल की आग की चपेट में आने से एक श्रमिक की गुरुवार को मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि दूसरे श्रमिक ने गुरुवार देर रात बेस अस्पताल में, वहीं अन्य महिला श्रमिक ने हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) में दम तोड़ दिया। वहीं एक और महिला श्रमिक का हल्द्वानी में उपचार चल रहा है।