तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक के प्रमुख नेता और राज्य के मुख्यमंत्री स्टालिन के बेटे उदयनिधि के सनातन धर्म पर दिए घोर नफरती बयान की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बेहद कड़े शब्दों में निंदा की है। समाचार एजेंसी एएनआई उत्तराखंड से बात करते हुए सीएम धामी ने उदयनिधि स्टालिन की ‘सनातन धर्म’ विरोधी टिप्पणी पर कहा, “यह टिप्पणी बेहद निंदनीय है। यह आइएनडीआइए गठबंधन की घटिया सोच को दर्शाता है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता उन्हें सबक सिखाएगी।
#WATCH | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami on DMK leader and Tamil Nadu minister Udhayanidhi Stalin's 'Sanatana Dharma' remark
"This remark is highly condemnable. It shows the poor thinking of the INDIA alliance…In 2024 Lok Sabha elections, the public will teach them a… pic.twitter.com/Dv0yskNemg
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 4, 2023
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) संदेश में लिखा, “विपक्षी महाठगबंधन के लगभग सभी दलों की मानसिकता राष्ट्र व धर्म विरोधी है, जिसका एक और प्रमाण आज कांग्रेस की सहयोगी डीएमके ने सनातन धर्म का अपमान करके दिया है। सनातन संस्कृति सबको साथ लेकर चलने व परोपकार की भावना से परिपूर्ण है। इतिहास गवाह है कि जब-जब मुगल आक्रांताओं की सोच से प्रेरित लोगों ने सनातन का अपमान किया है तब-तब उनका नामोनिशान मिट गया है, आने वाले समय में देश की देवतुल्य जनता ऐसे लोगों का वही हश्र करेगी।”
विपक्षी महाठगबंधन के लगभग सभी दलों की मानसिकता राष्ट्र व धर्म विरोधी है, जिसका एक और प्रमाण आज कांग्रेस की सहयोगी डीएमके ने सनातन धर्म का अपमान करके दिया है।
सनातन संस्कृति सबको साथ लेकर चलने व परोपकार की भावना से परिपूर्ण है। इतिहास गवाह है कि जब-जब मुगल आक्रांताओं की सोच से…
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 3, 2023
बता दें, कि उदयनिधि स्टालिन ने सनातन उन्मूलन सम्मेलन में जहर उगलते हुए कहा था, कि ‘सनातन का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि इसे खत्म ही कर देना चाहिए। सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ है। कुछ चीजों का विरोध नहीं किया जा सकता, उन्हें खत्म ही कर देना चाहिए। हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते। हमें इसे मिटाना है। इसी तरह हमें सनातन को भी मिटाना है।’
उल्लेखनीय है, कि उदयनिधि अपने इस नफरती और घृणित बयान पर हंगामा मचने के बाद भी अफसोस जताने के बजाय उस पर ना केवल कायम है बल्कि उसका बचाव भी कर रहे है। यह अहंकार के साथ ही निर्लज्जता की भी पराकाष्ठा है। आश्चर्य की बात यह भी है, कि कांग्रेस के कुछ नेताओं के साथ आइएनडीआइए गठबंधन के नेता भी उदयनिधि के बयान का बचाव करने में जुटे हुए है।