मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार (26 मई 2023) को कनखल स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की दो दिवसीय केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल की दूसरे दिवस की बैठक के प्रथम सत्र का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर सीएम धामी ने कहा, कि राज्य में समान नागरिक संहिता कानून जल्द ही लागू किया जाएगा।
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शन मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा, कि समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा, कि समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट 90 प्रतिशत तक तैयार हो चुका है, जिसके 30 जून तक राज्य सरकार को मिलने की संभावना है। समिति की रिपोर्ट प्राप्त होते ही इसे राज्य में लागू कर दिया जाएगा।
लैंड जिहाद के मुद्दे पर मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि उत्तराखंड में इस प्रकार की गतिविधियों को पनपने नहीं दिया जाएगा और इन्हें पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। सीएम धामी ने अपने संबोधन में आगे कहा, कि देवभूमि उत्तराखंड में एक भी अवैध धर्मस्थल या धार्मिक संरचनाओं को रहने नहीं दिया जाएगा।
आज कनखल (हरिद्वार) स्थित श्री कृष्ण निवास आश्रम में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल के बैठक सत्र का दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से पधारे धर्माचार्यों एवं सन्त-महात्माओं का स्वागत व अभिनंदन करते हुए उनका आशीर्वाद… pic.twitter.com/aPxrNYixPq
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 26, 2023
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि संत उन पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें, जिससे वह राज्य और सनातन धर्म के लिए कार्य करते रहें। उन्होंने कहा, कि संतों ने उनसे जो अपेक्षा की है वह उसे पूरा करेंगे। बैठक के दौरान, जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज जी ने भी लैंड जिहाद के खिलाफ धामी सरकार द्वारा चलाये जा रहे अभियान की जमकर प्रशंसा की।
विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की दो दिवसीय केन्द्रीय मार्गदर्शक मंडल बैठक में परम पूज्य महामण्डलेश्वर युग पुरूष स्वामी परमानन्द गिरिजी महाराज, परम पूज्य शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती जी,राम राजेश्वरा जी महाराज, महामण्डलेश्वर विश्वेश्वरानन्द जी महाराज, महामण्डलेश्वर यतीन्द्रानन्द गिरि जी,स्वामी विवेकानन्द जी महाराज, सचिव महानिर्वाणी अखाड़ा श्री रवीन्द्र पुरी, स्वामी गिरधर गिरि जी महाराज व धर्माचार्यों ने भी अपने-अपने विचार प्रकट किये।