पर्वतीय राज्य उत्तराखंड के स्थानीय निवासी इन दिनों सड़कों पर सख्त भू-कानून को लागू किये जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे है। राज्य में हिमाचल प्रदेश की तरह सख्त भू-कानून की मांग की जा रही है। इसी बीच अब पुष्कर सिंह धामी सरकार भी इस मुद्दे पर हरकत में आ गई है। सीएम धामी ने कहा, कि उत्तराखंड सरकार भू-कानून और मूल निवास जैसे मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशील है।
हमारी सरकार भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे पर संवेदनशील है। शीघ्र ही प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप एक वृहद भू-कानून लाने के लिए हम प्रयासरत हैं। pic.twitter.com/uLc0eEGKnk
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 27, 2024
सीएम धामी ने शुक्रवार (27 सितंबर 2024) को प्रदेश में भू-कानून को लेकर सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान अहम जानकारियां दी। सीएम धामी ने कहा, कि अगले बजट सत्र में हम उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप सशक्त भू-कानून लाएंगे। इसके लिए समिति गठित की हुई है। उन्होंने कहा, कि देवभूमि उत्तराखंड की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूँ, कि भू-कानून के मुद्दे पर सबकी भावनाओं के अनुरूप हम समाधान करेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, कि उत्तराखंड में एक कानून प्रचलित है। नगर निकाय क्षेत्र से बाहर 250 वर्ग मीटर भूमि बिना अनुमति खरीद सकते हैं, लेकिन संज्ञान में आया है, कि कई लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के नाम से जमीनें खरीद ली। अब इसकी जांच कराई जाएगी। कानून तोड़कर जो जमीनें खरीदी गईं, वह सभी सरकार में निहित होंगी।
प्रावधानों के विरुद्ध नगर निकाय क्षेत्र से बाहर खरीदी गई जमीन राज्य सरकार में निहित होगी और ऐसा करने वाले व्यक्ति पर सख़्त कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी। pic.twitter.com/IQUBQMiJdM
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) September 27, 2024
उन्होंने कहा, कि ये भी संज्ञान में आया है, कि साल 2017 में भू-कानून में जो बदलाव किए गए थे, उसके परिणाम सकारात्मक नहीं आए हैं, क्योंकि साल 2017 में किए गए बदलाव के अनुसार जो अनुमति शासन स्तर पर दी जानी थी, उसको बदलकर जिला स्तर पर कर दिया गया था। सीएम धामी ने कहा, कि ऐसे प्रावधानों की समीक्षा की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो उसे समाप्त किया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, जिन लोगों ने जिस उद्देश्य से जमीन खरीदी और उसका उसके लिए उपयोग नहीं किया, उनका विवरण तैयार हो रहा है। उन पर कार्रवाई करते हुए ऐसी जमीन सरकार में निहित की जाएंगी। उन्होंने कहा, किसी ऐसे व्यक्ति को परेशान होने की जरूरत नहीं जो निवेश करना चाहते हैं। उद्योग लगाना चाहते हैं। रोजगार देना चाहते हैं। उन्हें सरकार पूरा सहयोग करेगी।
सीएम धामी ने कहा, कि उत्तराखंड सरकार भू-कानून और मूल निवास जैसे मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशील है। प्रदेश में सख्त भू-कानून लागू किए जाने को लेकर प्रारूप तैयार करने के लिए कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी भू-कानून का प्रारूप तैयार कर रही है।
सीएम धामी ने कहा, कि इसके अनुरूप एक भू-कानून लाने को लेकर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया, कि मार्च 2021 और इससे लंबे समय से चले आ रहे तमाम मामले ऐसे थे, जिन मामलों पर फैसले नहीं हो पा रहे थे, उन सभी मामलों पर फैसले लिए गए हैं। इसी तरह भू कानून के मुद्दे का समाधान भी भाजपा सरकार ही करेगी। सबकी भावनाओं और सभी पक्षों से बातचीत करने, अनेक विषयों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के साथ निर्णय लिया जाएगा।
यूनिफार्म सिविल कोड पर सीएम धामी ने कहा, कि समान नागरिक संहिता का लागू करने की समय सीमा नाै नवंबर तय की हुई थी। समिति पूरी कोशिश में जुटी है, लेकिन अभी कुछ प्रावधान ऐसे हैं जो करने हैं। इसलिए इसमें देरी हो रही है। अक्तूबर के पहले सप्ताह में समिति की बैठक होगी। तब यह स्पष्ट हो जायेगा, कि यूसीसी कब लागू होगा।